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Sunday, 23 March 2014

मूल्यांकन नीति पर उठाए सवाल

चंडीगढ़ : तीसरी एवं पांचवीं कक्षा के छात्रों का मूल्यांकन कराने के सरकार के फैसले पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहा है। मूल्यांकन के लिए 25 से 28 मार्च का कार्यक्रम जारी किया गया है। 
संघ के राज्य महासचिव सीएन भारती, कोषाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद व उपप्रधान धर्मेद्र ढांडा ने कहा कि तीसरी एवं पांचवीं कक्षा के छात्रों का मूल्यांकन शिक्षा विभाग निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए करा रही है। उन्होंने कहा कि संघ के अनुसार यह मूल्यांकन और कुछ नहीं बल्कि अतीत में शुरू की गई अनेक योजनाओं की तरह शिक्षा विभाग के अच्छे बजट को एनजीओ के नाम स्थानांतरित करने का मामला है। अगर ईमानदारी से बच्चों के सीखने का स्तर बढ़ाना है तो शिक्षा विभाग के मूल ढांचे को ही सुदृढ़ करना होगा। एक तरफ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी व सीनियर सेकेंडरी के दूसरे समेस्टर की परीक्षाएं चल रही है। इसी समय में सभी विद्यालयों में प्रबंधन कमेटियों का गठन किया जाना है। इसके अलावा और भी कई कार्य हैं। इसके साथ ही चुनाव में शिक्षकों की डयूटी लगी हुई है। इसलिए मूल्यांकन कार्य के सफल होने पर संदेह है। 
मूल्यांकन पर तत्काल रोक लगे : 
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के राज्य महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि संगठन शिक्षा विभाग से बार-बार शिक्षक हितों की रक्षा करने की गुहार लगाता आ रहा है। बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही। प्राइवेट संस्थाओं के माध्यम से परीक्षाआंे का आयोजन किया जा रहा है, यह तर्कसंगत नहीं है। उन्हांेने कहा कि तीसरी और पांचवीं कक्षा का मूल्यांकन एवं इससे संबंधित प्रत्येक कार्रवाई तुरंत प्रभाव से रोककर चार महीने बाद होनी चाहिए और इसका मॉडयूल जारी हो।                                         dj

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