राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा ने कक्षा तीसरी व पांचवीं के बच्चों का मूल्यांकन स्कूल प्राध्यापकों की ओर से कराने के शिक्षा विभाग के निर्णय का विरोध किया है। संघ के मुताबिक वह मूल्यांकन के पक्ष में है, लेकिन प्राथमिक स्तर पर 60 प्रतिशत के करीब पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक हैं। मूल्यांकन उनसे न कराकर दूसरे शिक्षकों से कराना प्राथमिक शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाना है। शिक्षा विभाग के इस निर्णय के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से 9 मार्च को राज्य कार्यकारिणी की बैठक कर संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।
संघ के राज्य प्रधान विनोद ठाकरान व महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि विभाग की ओर से 6 मार्च 2014 को ब्लॉक स्तर पर मीटिंग कर यह संदेश दिया गया कि प्राथमिक स्तर पर कक्षा 3 व 5 का मूल्यांकन स्कूल प्राध्यापकों की ओर से किया जाएगा। इसके लिए लिखित परीक्षा होगी और इसकी ड्यूटी भी विभाग की ओर से लगाई गई है, जिसका संगठन विरोध करता है।
राज्य महासचिव दीपक गोस्वामी ने बताया कि आनन-फ ानन में इस प्रकार के लिए गए फैसले से साबित होता है कि सरकार प्राथमिक स्तर पर शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। अभी स्कूल प्राध्यापकों की बड़ी तादाद में भर्ती हुई है, लेकिन वर्कलोड न होने की बात कहकर उन्हें इस प्रकार का कार्य दिया जा रहा है जिससे प्राथमिक शिक्षकों में रोष है। गोस्वामी के मुताबिक संगठन की ओर से मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग को अवगत करवा दिया है। अगर जल्द ही फरमान को वापस नहीं लिया गया तो प्राथमिक शिक्षकों को सड़कों पर आना पड़ेगा। dtknl
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