चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सरप्लस दिखाए गए अतिथि अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल की सेकेंडरी शिक्षा विभाग के महानिदेशक एमएल कौशिक से बुधवार को दो दौर की बातचीत हुई। अतिथि अध्यापकों ने हाईकोर्ट द्वारा सरप्लस दिखाने पर विस्तार से चर्चा की और सरप्लस नहीं होने संबंधी दस्तावेज महानिदेशक को सौंपे।
अतिथि अध्यापकों ने महानिदेशक को तर्क दिया कि विषय समन्वय ठीक नहीं होने के कारण उन्हें सरप्लस दिखाया जा रहा है। राज्य में एक भी अतिथि अध्यापक मास्टर कैडर में सरप्लस नहीं है। महानिदेशक ने अतिथियों के दस्तावेज की जांच करने के बाद उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। महानिदेशक ने कहा कि विभाग इसकी जांच करेगा कि किस आधार पर अतिथियों को सरप्लस दिखाया गया है। बृहस्पतिवार को अतिथि अध्यापकों का प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर महानिदेशक से वार्ता करेगा। इसमें अतिथियों को नियमितीकरण की नीति पर चर्चा होगी। पूर्व हुड्डा सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम समय में अतिथियों को पक्का करने के लिए दस वर्षीय नीति लाई थी, उसके अनुसार उन्हें पक्का किया जाना था। इसमें दिसंबर 2015 और जनवरी 2016 में फायदा होने वाला था। dj
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