** शिक्षा में सुधार को सरकार विधायकों के लिए शुरू करेगी योजना, स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता व सुविधाओं पर ध्यान देंगे एमएलए
चंडीगढ़ : केंद्र की सांसद आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर हरियाणा में विधायक बेहद खराब परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों को गोद लेंगे। मनोहर सरकार यह योजना शुरू करने का फैसला लगभग ले चुकी है। जल्द इसकी औपचारिक घोषणा कर देगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कविता जैन का कहना है कि सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के प्रति गंभीर है। विधायकों के स्कूल गोद लेने से निश्चित ही व्यवस्था में सुधार आएगा। मुख्यमंत्री योजना को जल्द लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
दरअसल, सरकारी स्कूलों का दसवीं और बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम बीते दस सालों में इस बार सबसे अधिक खराब आया है। इससे सरकार के कान खड़े हो गए हैं और वह माथे पर लगे निम्न गुणवत्ता की शिक्षा का कलंक धोने की तैयारी में जुट गई है। विधायक अपने-अपने हलके में आने वाले उन स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर गोद लेंगे, जिनका परीक्षा परिणाम लगातार नीचे गिर रहा है। स्कूल गोद लेने के बाद विधायक ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराने के साथ शिक्षकों की कमी भी पूरी कराएंगे। गोद लिए स्कूलों का विधायकों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान शिक्षा की गुणवत्ता सहित छात्रों से सवाल पूछे जाएंगे। स्कूलों की मासिक परीक्षा के परिणाम का भी विधायक तुलनात्मक अध्ययन कर स्कूल मुखिया को दिशा-निर्देश जारी करेंगे। प्रदेश सरकार यह योजना सभी 90 विधायकों के लिए लागू करेगी। इसमें विपक्ष के विधायकों से भी राजनीति से उपर उठकर स्कूल गोद लेने का आग्रह किया जाएगा। विधानसभा में भाजपा के 47 विधायक हैं। उन्हें बसपा के एक विधायक सहित निर्दलीय का भी समर्थन हासिल है। मुख्य विपक्षी दल इनेलो भी जनहित के कामों में सरकार का समर्थन करता आ रहा है। इसलिए योजना को सिरे चढ़ाने में मनोहर सरकार को कोई खास दिक्कत आने वाली नहीं। कांग्रेस विधायक ही स्कूल गोद लेने से किनारा कर सकते हैं। dj
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