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Monday, 3 April 2017

फील्ड कर्मचारियों को मिलेगी बायोमीटिक हाजिरी से छूट

** सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के सुझाव पर सीएम ने किया गौर 
** राहत देने का अधिकार अतिरिक्त मुख्य सचिवों को सौंपा
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार फील्ड में काम करने वाले स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों के लिए बायोमीटिक हाजिरी लगाने की बाध्यता को खत्म करने पर विचार कर रही है। कर्मचारी नेताओं ने उदाहरणों के साथ मुख्यमंत्री को फील्ड स्टाफ द्वारा बायोमीटिक हाजिरी लगाने से हो रहे नुकसान के बारे में समझाया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार करते हुए विभागीय अतिरिक्त मुख्य सचिवों को अपने स्तर पर व्यवहारिकता का पता लगाने और अपने-अपने विभाग में तकनीकी व फील्ड कर्मचारियों को बायोमीटिक हाजिरी लगाने की बाध्यता में राहत देने के निर्देश दिए हैं। 
प्रदेश में 2 लाख 73 हजार पक्के और 50 हजार से अधिक कच्चे कर्मचारी हैं। सरकार को शिकायतें मिल रही थी कि कर्मचारी अपनी सीटों पर नहीं मिलते। उनका न तो ऑफिस आने का कोई समय तय है और न ही जाने का कुछ पता चलता, जिस कारण काम कराने आने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। लिहाजा सरकार ने कर्मचारियों के लिए बायोमीटिक हाजिरी प्रणाली अनिवार्य कर दी है। 
सरकार इसे सभी विभागों में पूरी जिम्मेदारी से लागू करने का इरादा रखे हुए हैं, लेकिन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष धर्मबीर फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पिछले दिनों हुई समझौता वार्ता के दौरान तकनीकी व फील्ड स्टाफ के मामले में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की। लांबा ने कहा कि पहले हाजिरी लगाने की बाध्यता से फील्ड के जरूरी काम प्रभावित होते हैं। यदि कहीं कोई ट्रांसफार्मर जल गया तो कर्मचारी उसकी आग बुझाने की बजाय अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की मंशा से पहले ऑफिस में हाजिरी लगाने जाएगा। तब तक आग बर्बादी का कारण बन चुकी होगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स के मामले में भी यही स्थिति है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीटिक मशीनें नहीं हैं लेकिन जब तक वे दफ्तर जाकर हाजिरी लगाने के बाद वापस आंगनबाड़ी लौटेंगी, तब तक आंगनबाड़ी बंद करने का समय हो चुका होगा। लांबा ने मुख्यमंत्री को बताया कि अधिकारी बायोमीटिक हाजिरी प्रणाली का खुलकर दुरुपयोग कर रहे हैं। हाजिरी नहीं लगा पाने वाले कर्मचारियों का पांच-पांच माह का वेतन रोका जा रहा है। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर इसकी उदाहरण हैं। इसलिए फील्ड व तकनीकी स्टाफ को बायोमीटिक हाजिरी प्रणाली से छूट दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर्मचारी नेताओं की इस दिक्कत को महसूस करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिवों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने विभाग में तय सुनिश्चित करें कि उनके यहां कितना फील्ड व तकनीकी स्टाफ है। उन्हें राहत देने का निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव अपने स्तर पर निर्णय ले सकते हैं।

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