** जिले में 20 स्कूलों में बच्चों की संख्या कम, दूसरे स्कूलों में समायोजित करने के लिए डीईईओ कार्यालय ने निदेशालय भेजी रिपोर्ट
सिरसा : जिले में प्राइमरी स्कूलों में 25 से कम बच्चों की संख्या वाले स्कूल निकट भविष्य में बंद हो सकते हैं। लेकिन यदि डीईईओ कार्यालय थोड़े से कड़े तेवर दिखाए और शिक्षक भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझकर स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाए तो ये स्कूल मर्ज अथवा दूसरे स्कूलों में समायोजित होने से बच सकते हैं।
मौलिक शिक्षा निदेशालय हरियाणा ने कुछ समय पहले सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को जिले में 25 या 25 से कम बच्चों की संख्या वाले प्राइमरी स्कूलों का सर्वे करने के आदेश दिए थे। विभाग के सर्वे में जिले में लगभग 20 ऐसे स्कूल मिले, जिनमें बच्चों की संख्या कम है। इन स्कूलों को दूसरे स्कूलों में समायोजित करने के लिए डीईईओ कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी है। सर्वे में पांच ऐसे स्कूल मिले जिनमें बच्चों की संख्या 24 है। यदि इन स्कूलों के जेबीटी एक बच्चे का दाखिला स्कूल में करवा दे तो ये स्कूल मर्ज होने से बच जाएंगे। दूसरा बच्चों को पढऩे के लिए एक से तीन किलोमीटर का सफर तय नहीं करना पड़ेगा।
शिक्षक तो हैं पर विद्यार्थी नहीं आए
सिरसा जिले में ऐसे २० स्कूल हैं जिनमें बच्चों की संख्या कम है। जीपीएस २७ एच में तो बच्चों की संख्या शून्य है। हलांकि इन स्कूलों के शिक्षक यदि अभी से ही सचेत हो जाएं तो ये स्कूलों को बंद होने से बचा सकते हैं। वैसे डीईईओ मधु मित्तल के अनुसार स्कूलों के सर्वे की रिपोर्ट भेजी जा चुकी हैं। और स्कूलों को अन्य स्कूलों में समायोजित करने का कोई अभी फरमान नहीं आया है।
२० से कम विद्यार्थियों वाले स्कूल
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