अंबाला : शिक्षा विभाग ने करीब नौ साल बाद जिले के स्कूलों को पत्र जारी कर मिड डे मील की पूरी रिपोर्ट तलब की है। नौ साल के सभी माह का ब्योरा मांगा गया है। जानकारी के अनुसार 1 से 8 वीं कक्षा तक के स्कूलों में वर्ष 2004 सितंबर माह से अब तक की हर महीने की रिपोर्ट मांगी गई है। जिसमें कितने बच्चे उपस्थित रहे, कितने बच्चे अनुपस्थित रहे। कितना ग्रांट वापस भेजा गया, कुक को हर माह कितनी पेमेंट की गई आदि की पूरी रिपोर्ट तैयार करनी है। ऐसे में अध्यापकों को दुविधा यह है कि वह इतना लंबा रिपोर्ट तैयार करें या फिर बच्चों को पढ़ाए। जिले में करीब 505 प्राइमरी स्कूल है, व करीब 139 माध्यमिक विद्यालय में है। इन स्कूलों के मुखियाओं को नौ साल के मिड डे मील की रिपोर्ट मांगी गई है। अब दुविधा यह है कि नौ साल में अध्यापकों का तबादला हो चुका है, व उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट बनाना आसान नहीं है। ऐसे में मिड-डे-मील की नौ वर्ष की हर माह की पूरी रिपोर्ट तैयार करना किसी मुसीबत से कम नहीं है। एक ओर जहां शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए कोई न कोई फरमान किए जा रहे है, वहीं अध्यापकों को ऐसे ड्यूटी लगाई जा रही है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होना निश्चित है। इस दौरान ब्लाक शिक्षा अधिकारी ने माना कि पिछले दिनों एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें मिड-डे-मिल की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
पढ़ाने में कम, रिकार्ड तैयार करने में बीतेगा ज्यादा समय :
प्राइमरी व माध्यमिक विद्यालयों को मिड-डे-मिल का पूरा रिकार्ड तैयार करने में लंबा समय लग सकता है। इसमें हर माह के बच्चों की रिपोर्ट तलब की गई है। ऐसे में मुखिया इतनी लंबी रिपोर्ट बनाने के लिए स्वाभाविक रूप से अध्यापकों की ही ड्यूटी लगाएंगे, ऐसे में अध्यापकों का पढ़ाने में कम रिपोर्ट तैयार करने में अधिक समय व्यतीत होगा। dj
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