रोहतक : नियमित नौकरी की मांग को लेकर 2 अक्टूबर को रैली करने के बाद एक बार फिर अतिथि अध्यापक शहर में रैली करेंगे। आगामी नौ नवंबर को होने वाली इस रैली का नाम होगा आक्रोश महारैली। अहम बात यह भी होगी कि इस बार मांग का ज्ञापन किसी अधिकारी को नहीं सौंपा जाएगा, बल्कि रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा या फिर सीएम की पत्नी आशा हुड्डा को सौंपा जाएगा। यह जानकारी हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरूण मलिक ने प्रेसवार्ता के दौरान दी। इससे पहले उन्होंने संघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों के मंथन किया व आगामी रणनीति तैयार की। एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में मलिक ने बताया कि आक्रोश महारैली में प्रदेश भर के 15 हजार अतिथि अध्यापक आगामी 9 नवंबर को शहर में होने वाली आक्रोश महारैली में अपने परिवार जनों के साथ शक्ति प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि 11 अगस्त से सेक्टर छह स्थित हुडा ग्राउंड में उनका क्रमिक अनशन जारी है और अब तीसरा चरण चल रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है। आगामी 9 नवंबर को होने वाली आक्रोश महारैली को सफल बनाने के लिए वे पूरी जान लगा देंगे। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक जब तक उनको पक्का नहीं किया जाता, उनका धरना जारी रहेगा। रोहतक वे तभी छोड़ेंगे जब उनकी नौकरी नियमित हो जाएगी। अतिथि अध्यापकों में चल रही गुटबाजी के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि अतिथि अध्यापक संगठित हैं और किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग संगठन को कमजोर करने को लेकर राजनीति कर रहे हैं, जिनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रणबीर सुहाग ने बताया कि अतिथि अध्यापकों को नियमित करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। अगर सरकार चाहे तो नीति बनाकर एक कलम से उन्हें नियमित कर सकती है। उन्होंने बताया कि अतिथि अध्यापक नियुक्ति के हर मापदंड पर खरा उतरते हैं और अनुभव से बड़ी कोई पात्रता नहीं होती है। इस मौके पर कुलदीप सिंह, रणबीर, नाजिर खान, शशी भूषण, रजत कुमार, धर्मबीर कुमार समेत राज्य कार्यकारिणी के सदस्य व जिला प्रधान मौजूद थे। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.