रोहतक : यहां शनिवार को छोटूराम धर्मशाला में हरियाणा राजकीय अध्यापक कल्याण संघ के 38वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हुए सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए संघ के मुख्य संरक्षक देवराज नांदल ने कहा कि वर्तमान सरकार और शिक्षा विभाग के आला अधिकारी अध्यापक संगठनों से बातचीत करने में अपनी तौहीन समझते हैं। इसी संवादहीनता के कारण गलत और तुगलकी फैसले हो रहे हैं, जिस कारण आज सभी अध्यापक दुखी हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सरकारी स्कूल छात्र संख्या घटने की वजह से बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी उनकी कोई समाधान नहीं हुआ तो संघ अपने संघर्ष को तेज करेगा।
दिल्ली की तर्ज पर प्राचार्यों और प्राध्यापकों को वेतन दिया जाए। जहां पात्र अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, वहीं अतिथि अध्यापकों को उनकी सेवा के आधार पर नियमित कर उनके आंदोलन को समाप्त कराया जाए। अगर अध्यापक सड़कों पर आंदोलन करते रहेंगे तो शिक्षा उत्थान संभव नहीं है। इसके अलावा, संघ का प्रतिनिधिमंडल लंबित मांगों को लेकर 27 अक्टूबर को दिल्ली में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।
वहीं, संघ के संरक्षक बलबीर सिंह देशवाल ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालय निरीक्षण के लिए गाडिय़ां मुहैया कराई जाएं। संघ के महासचिव धर्मेंद्र शास्त्री, अध्यापक नेता आनंद स्वरूप, महावीर सिंह दांगी, श्रीपाल सिवाच, राजेंद्र माथुरिया, करतार सिंह नांदल, ओम प्रकाश, जय सिंह, सत्य देव, देवराज नांदल, महावीर सिंह दांगी, रणबीर सिंह बामल, धर्मेंद्र शास्त्री, श्यामा देवी, शमशेर सिंह, मनोज यादव, कर्मवीर, बलबीर सिंह देशवाल, अरुण कुमार, जितेन्द्र, ईश्वर सिंह शास्त्री, रामकिशन शर्मा, ओमप्रकाश मलिक, शमशेर सिंह, बनवारी लाल मौजूद रहे। db
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