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Monday, 3 July 2017

अनस्किल्ड हाथों में 'हरियाणा का स्किल', 990 स्कूलों में 430 फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षक

** 22 कंपनियों ने 15 % कमीशन पर किए भर्ती 
रेवाड़ी : 'हरियाणा का स्किल' अनस्किल्ड हाथों में है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण देने वाले करीब आधे शिक्षक फर्जी डिप्लोमाधारी हैं। 22 निजी कंपनियाें ने 15% कमीशन लेकर ऐसे शिक्षकों को ट्रेनर के रूप में भर्ती किया है। प्रदेश भर में ऐसे 1125 वोकेशनल टीचर्स एवं ट्रेनर 990 स्कूलों में भर्ती किए, इनमें 430 से ज्यादा के डिप्लोमा मानक के अनुरूप नहीं हैं। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद शिक्षा सदन पंचकूला की तरफ से जिला स्तर पर एडीसी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ है। इस पर बजाए कार्रवाई के अब विभाग ने नियम ही बदल दिए। 22 जून को सभी एडीसी को पत्र जारी कर कह दिया कि वे भविष्य में ऐसे शिक्षकों की एकेडमिक योग्यता की जांच ना करें केवल अनुभव से जुड़े दस्तावेजों को ही देखेंगे। साथ ही पहले से लगे हुए शिक्षकों का सेवा विस्तारीकरण कर रिपोर्ट भेजने को कहा है। 

जिला कमेटियों ने कहा-हमने सुबूत दिए पर कार्रवाई नहीं

  • जिला कमेटी के निरीक्षण के बाद मुख्यालय स्तरीय कमेटी ने क्या निरीक्षण किया? 
  • फर्जी प्रमाण वाले शिक्षक विद्यार्थियों को किस आधार पर स्किल की ट्रेनिंग देंगे? 
  • अयोग्य पाए गए वोकेशनल टीचर्स के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? 
  • इन वोकेशनल टीचर्स को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किसने नियुक्ति दी? 
रेवाड़ी में 16 में से 13 के दस्तावेज योग्य नहीं
रेवाड़ी में 16 में 13 वोकेशनल टीचर्स के ब्यूटी एवं वैलनेश स्किल का डिप्लोमा मान्यता प्राप्त संस्थानों से नहीं है। इन शिक्षकों के पास इंदिरा गांधी औद्योगिक संस्थान, मां संतोषी वैलफेयर सोसायटी से डिप्लोमा प्राप्त है। जो मान्य नहीं है। 
जींद, भिवानी, गुड़गांव में भी फर्जीवाड़ा, जांच शुरू 
अजीत सिंह जिला परियोजना अधिकारी के अनुसार जींद में फर्जी डिप्लोमा लेकर लगे शिक्षकों का मामला सामने आया है। जींद और भिवानी की हम पूरी रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों के पास भेजेंगे। इसी तरह गुड़गांव, मेवात समेत तकरीबन सभी जिलों में भी इस तरह के फर्जी डिप्लोमा का जुगाड़ कर शिक्षक लगे हुए हैं। 
नारनौल में 13 में से 10 शिक्षकों के डिप्लोमा फर्जी 
नारनौल में 13 में से 10 के फर्जी दस्तावेज मिले। इनके पास इंदिरा गांधी वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, मदर टेरेसा आईटीआई से ब्यूटी एवं वेलनेश कोर्स डिप्लोमा थे जो स्टेट काउंसलिंग वोकेशनल ट्रेनिंग, आईटीआई डिपार्टमेंट हरियाणा की तरफ से मान्यता प्राप्त नहीं है। 
से हुआ खुलासा 
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद शिक्षा सदन पंचकूला ने 20 मार्च 2017 को जिलों के सभी अतिरिक्त उपायुक्त को पत्र जारी कर 3 साल से लगे वोकेशनल टीचर्स एवं ट्रेनर के सेवा विस्तार हेतु कमेटी गठित की थी। कमेटी में एडीसी, डीईओ, जिला परियोजना संयोजक-सचिव, आउटसोर्सिंग कंपनी ट्रेड एक्सपर्ट को सदस्य बनाया गया। कमेटी ने जब शिक्षकों के सेवा विस्तारीकरण के लिए प्रमाण पत्र जांचने शुरू किए तो फर्जीवाड़ा उजागर होता चला गया।
जिम्मेदारों पर की जाएगी कार्रवाई: शिक्षामंत्री 
"मेरी जानकारी में यह मामला आया है। फर्जी दस्तावेज के आधार पर कोई शिक्षक कैसे लग सकता है। जब सबूत कमेटी ने भेज दिए हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए थी। जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।"-- रामबिलास शर्मा, शिक्षामंत्री 





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