राजधानी हरियाणा : कोर्ट ने बीए, बीएड पास संस्कृत टीचर्स
को प्रमोशन देने के बाद भी शिक्षा विभाग ने उन्हें पोस्टिंग नहीं दी।
परेशान टीचर ने एक बार फिर से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग के
खिलाफ कोर्ट की अवमानना की अर्जी दायर की है।
टीचरों ने बताया कि
शिक्षा विभाग जानबूझ कर उन्हें पोस्टिंग नहीं दे रहा है। इस वजह से उन्हें
यह कदम उठाना पड़ा। 55 संस्कृत टीचर अपने हक के लिए 2013 से लड़ रहे हैं।
संस्कृत टीचर्स ने बताया कि हुड्डा सरकार में शास्त्री को तो प्रमोट कर हेट
टीचर बना दिया, लेकिन क्वालिफाइड होने के बाद भी उनकी अनदेखी हो रही है।
इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने कोर्ट में अपील की। 15 दिसंबर 2015 को निर्णय
उनके पक्ष में गया। इसके बाद एक साल तक फिर उनका मामला फाइलों में ही उलझा
रहा। आखिरकार एक साल बाद 21 दिसंबर 2016 को उन्हें प्रमोट कर दिया गया।
पोस्टिंग के लिए एक बार फिर से उन्होंने कोर्ट में अपील की। तब कोर्ट ने 26
अप्रैल को निर्णय दिया कि 15 दिन के भीतर पोस्टिंग दी जाए। यह तारीख भी अब
9 मई को निकल चुकी है। इधर शिक्षा सुधार मंच के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कुमार
ने बताया कि इस मामले में राजनीति प्रेशर काम कर रहा है। क्योंकि संस्कृत
टीचर को पोस्टिंग तभी मिल सकती है जब कुछ शास्त्री डिमोट किए जाए।
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