** 20 दिन से शिक्षा विभाग में धक्के खाने के बाद भी बाल किशन को नहीं मिली ज्वाइनिंग
पानीपत : सुभाष नगर निवासी शिक्षक बाल किशन (कला) वैसे तो स्टेट अवॉर्ड सम्मानित हैं। लेकिन शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर की आड़ में इन्हें सड़क पर फेंक दिया।
20 दिनों से शिक्षा विभाग के धक्के खाने के बाद भी बाल किशन को किसी स्कूल में पोस्टिंग नहीं मिल सकी। बाल किशन अभी तक कैनाल कैंप स्थित राजकीय हाई स्कूल में कार्यरत थे, लेकिन विभाग ने उन्हें इसी माह ट्रांसफर लेटर पकड़ाकर राजकीय गल्र्स वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ज्वाइन करने को कहा।
26 सितंबर को कैनाल कैंप स्कूल से रिजाइन देकर, जब वे वहां पहुंचे तो स्कूल प्रिंसिपल ने पोस्ट खाली न होने की बात कहकर पोस्टिंग से मना कर दिया। इसके बाद जब बाल किशन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे तो उन्होंने बाल किशन को फिर से पहले वाले स्कूल में ज्वाइंनिंग के लिए भेज दिया। लेकिन वहां पर भी ज्वाइंनिंग नहीं मिल पाई। जबकि नियमानुसार अगर ट्रांसफर वाली जगह पर किसी कारण से पोस्टिंग नहीं हो पाती है, तो शिक्षक फिर से पहले वाले स्कूल में ज्वाइन कर सकता है। बाल किशन का आरोप है कि कैनाल कैंप स्कूल की प्रिंसिपल विभाग के आदेशों को मानने से इंकार कर रही हैं। वहीं, शिक्षा विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। विभाग ने ट्रांसफर की आड़ में मुझे सड़क पर ला दिया। वहीं कैनाल कैंप स्थित स्कूल की प्रिंसिपल संगीता रानी का कहना है कि जिस पोस्ट पर बाल किशन तैनात थे, उस पर अब दूसरे अध्यापक को तैनात कर दिया गया है, जब स्कूल में कोई पोस्ट ही खाली नहीं है तो कैसे तैनाती की जाए।
"विभाग ने बाल किशन का मॉडल टाउन स्थित स्कूल में ट्रांसफर किया था, लेकिन वहां पोस्ट ही खाली नहीं है। इस संबंध में जानकारी मिलने के साथ ही डायरेक्टर को सूचित कर दिया गया है। ऊपर से आदेश आने के बाद ही कोई कार्रवाई कर सकती हूं।"--सरोज बाला गुर, डीईईओ db
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