केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सभी स्कूलों को दिए निर्देश
नई दिल्ली : देश के सभी केंद्रीय विद्यालयों में अब ट्रांसजेंडर (उभयलिंगी) बच्चों को बगैर किसी परेशानी के दाखिला मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने ऐसे बच्चों के लिए दाखिला फॉर्म में कॉलम बनाने का फैसला किया है। फॉर्म के साथ ही इस कैटेगरी को छात्रों की अन्य जानकारी के लिए एकत्र किए जाने वाले रिकॉर्ड फॉर्म में भी शामिल किया जाएगा। यह निर्देश शैक्षणिक सत्र 2015-16 से लागू करना होगा। इस बारे में जानकारी क्षेत्रीय कार्यालयों को भेज दी गई है।
गौरतलब है कि अक्तूबर में ही दिल्ली सरकार ने भी निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम के तहत ट्रांसजेंडर बच्चों को आर्थिक पिछड़ा व वंचित वर्ग के कोटे में शामिल कर दिया है। इस दिशा में अब केंद्रीय विद्यालय संगठन ने भी सकारात्मक कदम उठाते हुए ट्रांसजेंडर को शिक्षा के क्षेत्र में स्थान दिया है।
सीबीएसई के फॉर्म में मातृभाषा की जानकारी अनिवार्य
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े देशभर के स्कूलों में अब दाखिले के समय बच्चे की मातृभाषा की जानकारी लेना अनिवार्य होगा। सीबीएसई ने स्कूलों को यह जानकारी लेना अनिवार्य कर फॉर्म में इसके लिए कॉलम शामिल करने को कहा है। इसके साथ ही बच्चे की पहली भाषा के लिए वरीयता के संबंध में भी पूछना होगा। बोर्ड ने इस संबंध में स्कूल प्राचार्य को जानकारी भेज दी है। इसमें बोर्ड ने भाषाई अल्पसंख्यक (लिंग्वस्टिक माइनॉरिटीज) का हवाला दिया है। au
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