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Monday, 29 December 2014

30 हजार कर्मचारियों के होंगे तबादले

** मुख्यमंत्री कार्यालय की मुहर लगनी बाकी
** सर्व कर्मचारी संघ ने तबादलों में जताई राजनीतिक दुर्भावना की आशंका
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार किसी भी समय ताबड़तोड़ तबादले कर सकती है। राज्य के करीब 30 हजार सरकारी कर्मचारियों की तबादला सूची तैयार है। इसे किसी भी समय जारी किया जा सकता है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने इतनी अधिक तादाद में तबादलों की आशंका जाहिर की है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि तबादलों में राजनीतिक दुर्भावना नजर आई तो नए साल में आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। 
प्रदेश सरकार ने मंत्रियों को अपने-अपने विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले करने संबंधी अधिकार दिए थे। इस अवधि में भाजपा कार्यकर्ताओं ने थोक के भाव कर्मचारियों की तबादला सूची तैयार कराई। विधायकों के जरिए यह सूची मंत्रियों के पास पहुंची और मंत्रियों ने भी उसे अप्रूवल दे दी। सैकड़ों तबादले विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर किए गए, जबकि सैकड़ों तबादले मंत्रियों ने अपने विवेक से किए हैं। 
शिक्षा विभाग को छोड़कर बाकी सभी विभागों में करीब 30 हजार कर्मचारियों की तबादला सूची बनने की खबर है। राज्य में 2.76 लाख कर्मचारी हैं। स्वास्थ्य, बिजली, सिंचाई, राजस्व, पीडब्ल्यूडी और जन स्वास्थ्य विभाग में हजारों कर्मचारियों की तबादला सूची तैयार की गई है। शिक्षा विभाग में हालांकि शिक्षकों को ही तबादले के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन कुछ कर्मचारियों के यहां भी तबादले करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय में इस सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस साल के अंत में अथवा नए साल के पहले सप्ताह में ही तबादला आदेश जारी होने शुरू हो जाएंगे। 
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक दुर्भावना से विधायकों के जरिए हजारों कर्मचारियों के तबादलों की सूची मंत्रियों तक पहुंचाई है। मंत्रियों द्वारा भी इन्हें अप्रूवल दे दिए जाने की सूचना है। कर्मचारियों पर चुनाव में राजनीति करने के आरोप हैं, जबकि यह ऐसे आरोप हैं जिन्हें साबित नहीं किया जा सकता। 
सुभाष लांबा के अनुसार अमूमन तबादले अप्रैल-मई में होते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने इसे दिसंबर में लागू कर नई प्रथा की शुरुआत की है। कर्मचारियों की स्वयं की इच्छा, अनुरोध, दो कर्मचारियों की आपसी समझदारी और जरूरत के मुताबिक तबादले तो समझ में आते हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं की शिकायत के आधार पर बिना कोई जांच कराए हजारों तबादले करना ठीक नहीं है।                                                      dj

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