** अदालत ने राहत देने से किया इनकार
चंडीगढ़ : सरकारी नौकरी में एससी होने के आधार पर प्रमोशन दिए जाने के हाईकोर्ट के सिंगल जज के फैसले के खिलाफ अलग अलग अपील याचिकाओं पर शुक्रवार को कार्यवाहक चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। याचियों की तरफ से मांग की गई कि याचिका के लंबित रहते उनका डिमोशन किया जाए। खंडपीठ ने इस पर राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि सरकार चाहे तो डिमोशन कर सकती है लेकिन अंतिम फैसला याचिका के निर्णय पर निर्भर रहेगा। मामले पर अगली सुनवाई 28 जनवरी तय की गई है।
हरियाणा शिक्षा विभाग के 375 कर्मचारियों की तरफ से दाखिल याचिका में सिंगल बैंच के फैसले को खारिज करने की मांग की गई थी। याचिका में हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए कहा गया कि इस मामले में प्रभावित कर्मचारियों को पार्टी ही नहीं बनाया गया था। प्रभावित लोगों को पार्टी बनाए बगैर इस तरह का फैसला नहीं दिया जाना चाहिए था। ऐसे में खंडपीठ अब फैसले पर रोक लगाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में याची की दलील को स्वीकार करते हुए हरियाणा सरकार से मामले पर जवाब मांगा है।
हरियाणा सरकार द्वारा नीति बनाई गई थी जिसके तहत एस.सी. श्रेणी को सरकारी नौकरी के दौरान प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में साफ निर्देश थे कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन के दौरान आरक्षण लागू किया जाए और यदि आवश्यकता हो तो ऐसी स्थिति में पहले सर्वे करवाकर इस बात की पड़ताल कर ली जाए कि जिस श्रेणी को आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है क्या उसे वास्तव में इसकी जरूरत है या नहीं। सिंगल बेंच द्वारा आदेशों में कहा गया था कि हरियाणा सरकार ने 2006 से अब तक जितने मामलों में ग्रुप सी डी में कर्मचारियों को आरक्षण का लाभ दिया है, उन सभी लाभों को रद्द कर प्रमोट हुए कर्मचारियों को तीन माह के भीतर डिमोट किया जाए। db
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