** बिना अनुमति नहीं ले सकते छुट्टी, और नियमित रूप से पीरियड भी लेने होंगे
सोनीपत : स्कूल प्रिंसिपलों को अब प्रशासक के साथ-साथ शिक्षक की भूमिका का निर्वहन भी करना होगा। उन्हें नियमित रूप से कक्षाएं अटेंड करनी होंगी और बच्चों को पढ़ाना भी होगा। यह निर्देश शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की ओर से जारी किए गए हैं। जिसमें अब शिक्षक महज प्रिंसिपल कक्ष में बैठकर आदेश ही नहीं देंगे बल्कि अपना मूल कार्य शिक्षण का भी करेंगे।
विभाग ने यह फैसला स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के साथ-साथ उन्हें गुणवत्ता प्रधान शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य के साथ लिया है। फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
इस फैसले के तहत प्रिंसिपल को भी दो पीरियड नियमित रूप से पढ़ाने ही होंगे। यही नहीं अब वे बिना उच्च अधिकारियों को सूचित किए अवकाश भी नहीं ले सकते। उन्हीं की मंजूरी के बाद वे अवकाश ले सकेंगे।
इसलिए यह फैसला :
अभिभावकों की ओर से निरंतर इस बात की शिकायत की जा रही है कि स्कूलों में बच्चे बिना शिक्षकों के खाली बैठे रहते हैं, प्रिंसिपल सिर्फ अपने कक्ष में रहते हैं अौर शिक्षक बाहर। जिस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। आने वाला समय परीक्षा का है ऐसे में सभी को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना होगा।
शिक्षकों पर की गई सख्ती
स्कूल समय में गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे रहने वाले शिक्षकों पर भी सख्ती की गई है। विभाग की ओर से उनके लिए भी कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों से कहा गया है कि वे स्कूल समय में सिर्फ अपना शिक्षण का ही कार्य करें। यही नहीं इस दौरान वे डीईओ एवं बीईओ कार्यालय भी नहीं सकते। अगर वे ऐसा करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रिंसिपलों से भी विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि वेतन संबंधित कार्य के लिए भी टीचर को बाहर भेजें। यह कार्य लिपिक से करवाए जाएं। अगर मजबूरी वश उन्हें आना भी पड़े तो वे दोपहर 3.30 बजे के बाद ही आए।
दोषियोें पर कार्रवाई
"सभी स्कूल प्रिंसिपल को अवकाश नियमित रूप से कक्षाएं लेने के निर्देश दिए गए हैं। आदेशों की अवहेलना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'' --परमेश्वरीहुड्डा, डीईओ,सोनीपत db
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