चंडीगढ़ : मनोहर सरकार ने प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसनी शुरू कर दी है। गरीब बच्चों के अभिभावकों की मांग पर सरकार ने मंडल स्तरीय फीस रिफंड समितियों का गठन किया है। ये समितियां निजी स्कूलों के मनमाफिक दाखिला फीस वसूलने की शिकायतों का निपटारा करेंगी। शिकायत को दो माह के भीतर हर हाल में अंजाम तक पहुंचाना होगा। कमेटी के चेयरमैन मंडल आयुक्त होंगे, जबकि चार्टड अकाउंटेंट और जिला शिक्षा अधिकारियों को इसका सदस्य बनाया गया है। सरकार से सहायता प्राप्त और निजी स्कूल अगर तय से अधिक दाखिला फीस वसूलते हैं तो अभिभावक बिना संकोच अपनी शिकायत समिति के चेयरमैन को दे सकते हैं। सरकार को गरीब बच्चों की मुफ्त शिक्षा के मामले में शिकायतें मिली हैं कि अधिकांश निजी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भारी भरकम फीस वसूल रहे हैं। जबकि दूसरी, तीसरी, चौथी, पांचवीं, सातवीं, आठवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा में दाखिला फीस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। केवल पहली, छठी, नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा में ही दाखिला फीस वसूली जा सकती है। सरकार ने गरीब बच्चों के अभिभावकों से कहा है कि अगर किसी भी स्कूल ने अधिक व बिना नियम के फीस वसूली है तो वे जल्द शिकायत करें। शिकायत सही पाए जाने पर ब्याज सही पूरी राशि वापस कराई जाएगी। dj
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