** सेवानिवृत्त को वित्तीय लाभ देने के लिए चाहिए लगभग दो सौ करोड़
** दिसंबर महीने में भी सैकड़ों कर्मचारी होने हैं सेवानिवृत्त
चंडीगढ़ : सरकारी कर्मचारियों को प्रदेश की भाजपा सरकार रास नहीं आ रही। सरकारी खजाने की सेहत सुधारने के नाम पर लिए जा रहे कड़े निर्णयों की मार सबसे अधिक कर्मचारी वर्ग पर ही पड़ रहा है। वित्तीय सुधार की जद में आए कर्मचारी अपना जायज हक भी न मिलने से मुश्किल में हैं।
चंडीगढ़ : सरकारी कर्मचारियों को प्रदेश की भाजपा सरकार रास नहीं आ रही। सरकारी खजाने की सेहत सुधारने के नाम पर लिए जा रहे कड़े निर्णयों की मार सबसे अधिक कर्मचारी वर्ग पर ही पड़ रहा है। वित्तीय सुधार की जद में आए कर्मचारी अपना जायज हक भी न मिलने से मुश्किल में हैं।
सेवानिवृत्त आयु 60 से 58 वर्ष किए जाने पर बीते महीने रिटायरमेंट पा चुके कर्मचारियों को आर्थिक संकट ङोलना पड़ रहा है। सरकार ने आयु घटाकर कर्मचारियों को आनन-फानन में घर तो भेजा दिया लेकिन वित्तीय लाभ देने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की। 30 नवंबर तक सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को न तो अभी तक पेंशन मिलनी शुरू हुई है, न ही अन्य कोई वित्तीय लाभ मिला है। इससे कर्मचारियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने के लिए सरकार को डेढ़ सौ से दो सौ करोड़ रुपये चाहिए हैं। पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी ही इनके लिए तरस रहे हैं, जबकि दिसंबर महीने के अंत में भी सैकड़ों कर्मचारी रिटायर होने हैं। उन्हें वित्तीय लाभ देने के लिए धन कहां से आएगा।
नवंबर महीने में लगभग 42 सौ कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि दिसंबर में नौकरी से विदा लेने वालों का आंकड़ा भी इसके आसपास ही है। सरकार पहले ही पांच सौ करोड़ रुपये का कर्ज प्रदेश चलाने के लिए ले चुकी है, वहीं अब इतनी संख्या में कर्मचारियों को एक साथ वित्तीय लाभ देने के लिए और ऋण लेना पड़ सकता है।
सरकारी कार्यालयों में ठप पड़े काम
सरकारी कर्मचारियों के भारी संख्या में सेवानिवृत्त होने से जन सुविधाएं प्रभावित होने लगी हैं। नई भर्ती न होने से समाज कल्याण, बिजली, राजस्व, खाद्य एवं आपूर्ति, निगमों सहित अनेक विभागों में महत्वपूर्ण फाइलें आगे नहीं सरक रहीं। लोगों को परेशानी को सामना करना पड़ रहा है। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार जहां कर्मचारियांे के हितांे पर चोट कर रही है, वहीं लोगों के सामने भी संकट पैदा कर दिया है। कर्मचारियों की कमी के कारण समय पर दफ्तरों में काम नहीं हो रहे। dj
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