** पहली से 12वीं कक्षा तक के प्रत्येक स्टूडेंट का हर माह होगा टेस्ट, शिक्षा का स्तर जांचने के लिए हर माह बनेगा रिपोर्ट कार्ड
यमुनानगर : सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले प्रत्येक स्टूडेंट का अब लर्निंग लेवल टेस्ट होगा। यह टेस्ट हर महीने पहली से 12वीं कक्षा के स्टूडेंट का होगा। टेस्ट से स्टूडेंट और स्कूल में कराई जा रही पढ़ाई का आंकलन होगा। टेस्ट 20 से 24 दिसंबर के बीच लिया जाएगा। इस टेस्ट से जहां स्टूडेंट की प्रोग्रेस रिपोर्ट पता चलेगी वहीं यह भी सामने जाएगा कि सरकारी स्कूलों में कितने टीचर गंभीरता से पढ़ा रहे हैं।
आठवीं तक फेल भी नहीं होते स्टूडेंट:
शिक्षा विभाग ने आठवीं का बोर्ड खत्म किया हुआ है। अब आठवीं कक्षा तक किसी भी स्टूडेंट को फेल नहीं करने के भी आदेश है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब से आठवीं का बोर्ड खत्म हुआ है तब से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के बराबर रह गई है। सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट प्राइवेट के मुकाबले पिछड़ रहे हैं। इसका असर देखने को भी मिला। पिछले कुछ सालों से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी बेहद शर्मनाक रहा है। इसलिए अब सभी स्टूडेंट का लर्निंग लेवल टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।
हर माह तैयार होगा रिपोर्ट कार्ड :
शिक्षा विभाग द्वारा एससीईआरटी के सहयोग से प्रत्येक स्टूडेंट का टेस्ट लिया जाएगा। यह टेस्ट 20 अंक का होगा। इस परीक्षा के जरिए शिक्षा निदेशालय सरकारी स्कूलों में दी जा रही शिक्षा का स्तर जांचने के प्रयास करेगा। विभाग द्वारा स्कूलों में प्रफोर्मा भेजा गया है। जिनमें 1 से 25, 26 से 50, 51 से 75, 76 से 90 और 91 से 100 प्रतिशत अंकों की टेबल बनाई गई है। जो स्टूडेंट जितने नंबर लेगा उसी क्रम में अंक जोड़ दिए जाएंगे। कहा तो ये जा रहा है कि जो स्टूडेंट कमजोर और फिसड्डी होंगे वे अगली कक्षा में नहीं जा सकेंगे।
सभी को अनिवार्य है टेस्ट देना :
येटेस्ट सभी स्टूडेंट के लिए अनिवार्य है। क्योंकि प्रत्येक स्टूडेंट का हर माह मूल्यांकन होना है। इसकी रिपोर्ट हर माह मुख्यालय भेजी जाएगी। वहीं शिक्षक बिना रिकाॅर्ड अपने चहेतों को अधिक अंक दे देते हैं। इस परीक्षा के साथ अब शिक्षकों को आंतरिक मूल्यांकन का रिकाॅर्ड भी तैयार करना होगा। इसका उच्चाधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।
सभी स्टूडेंट का होगा टेस्ट : डीईओ
डीईओ उदय प्रताप सिंह का कहना है लर्निंग लेवल टेस्ट पहली से 12वीं कक्षा तक के प्रत्येक स्टूडेंट का होगा। २६ दिसंबर तक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि अब बिना पढ़ाई बच्चे अगली क्लास में नहीं भेजे जा सकेंगे।
लर्निंग लेवल टेस्ट के जरिये स्कूलों में शिक्षा के स्तर का पता चलेगा। कहां कमी है और उसे अच्छा करने के लिए क्या किया जा सकता है। शिक्षा विभाग रिपोर्ट के आधार पर प्लानिंग बना सकेगा। एक किस्म से टेस्ट बोर्ड की तरह ही काम करेगा। इसके अच्छे अंक होंगे वह अगली कक्षा में जा सकेगा। जिले में करीब सवा लाख स्टूडेंट ये टेस्ट देंगे।
शिक्षकों पर भी कसी जाएगी लगाम
इसमें कोई शक नहीं है कि जब से आठवीं कक्षा का बोर्ड खत्म हुआ है तब से सरकारी स्कूलों के बच्चे पढ़ाई में पिछड़े हैं। दूसरी वजह शिक्षकों को माना जा रहा है। पेरेंट्स बलविंद्र सिंह राजिंद्र का कहना है कि टीचर्स ने ही पढ़ाना छोड़ दिया है। उन्हें दिक्कत तो तब होगी जब स्टूडेंट फेल होगा। टीचरों को किसी बात का डर ही नहीं है। db
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