.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Tuesday, 30 December 2014

प्रतियोगी और शैक्षिक परीक्षाओं में गोपनीयता बरकरार रखने में विफलता

विभिन्न प्रतियोगी और शैक्षिक परीक्षाओं में शुचिता और गोपनीयता बरकरार रखने में बार-बार हो रही विफलता से कई प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। हाल ही में रोहतक के एक केंद्र में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी नेट का पेपर लीक हो गया। गंभीर चिंता का विषय है कि परीक्षा केंद्र में पहुंचने से पहले तीन स्तर पर तलाश और जांच की जाती है और किसी भी अवांछनीय वस्तु को अंदर न जाने की पुख्ता व्यवस्था करने का दावा किया जाता है लेकिन रोहतक में तो तमाम व्यवस्था ही ध्वस्त हो गई जब एक परीक्षार्थी मोबाइल फोन केंद्र में ले गया और वाट्स एप पर उत्तर सूची मंगवा ली। स्कूलों से लेकर कॉलेज तथा व्यावसायिक परीक्षाओं में पेपर लीक होने या बड़े पैमाने पर नकल के अनेक समाचार हर अवसर पर सुर्खियां पाते हैं। पिछले दिनों रेलवे भर्ती की ग्रुप डी और एसएससी की परीक्षा में भी रोहतक क्षेत्र के युवाओं की गिरफ्तारी हो चुकी है। विडंबना है कि पिछली भूल से कभी सबक नहीं लिया जाता और एक नई भूल, विसंगति या साजिश होने का जैसे इंतजार किया जाता है। नेट परीक्षा में पेपर लीक होना किसी शातिर गिरोह के सक्रिय होने का सीधा प्रमाण है, इसके तार निश्चित रूप से उस तंत्र से जुड़े होंगे जहां नीतियां बनती हैं और पेपर का निर्धारण होता है। इसके बाद प्रश्न पत्र वितरित करने की प्रक्रिया को भी संदेह से मुक्त नहीं रखा जाना चाहिए। सबसे बाद में परीक्षा केंद्र का नंबर आता है जहां नियुक्त स्टाफ की मुस्तैदी या उदासीनता अथवा संलिप्तता परीक्षा का स्वरूप ही बिगाड़ देती है। 
दुर्भाग्य यह भी है कि अधिकतर अवसरों पर मुख्य अपराधियों तक तो पुलिस और प्रशासन के हाथ ही नहीं पहुंच पाते और वे अपना अगला खेल रच डालते हैं। पर्यवेक्षकों की फौज खड़ी रह जाती है और वे चक्रव्यूह भेद कर अपने मंतव्य की पूर्ति कर लेते हैं। शिक्षा विभाग, पुलिस व प्रशासन, तीनों को यह मकड़जाल तोड़ने के लिए गंभीर संयुक्त प्रयास करने होंगे। तीनों में तालमेल का हर स्तर पर अभाव दिखाई देता है जिसे दूर किया जाना चाहिए। यह सत्य है कि परंपरागत तरीकों से अब नकल पर अंकुश या पेपर लीक होने से रोकना संभव नहीं। हाईटेक युग में संबंधित विभागों की कार्यशैली को भी आधुनिक रूप देना होगा। हर स्तर पर सुनिश्चित किया जाए कि समूची प्रक्रिया में कोई कड़ी कमजोर न रहे, परीक्षा की गरिमा पर आंच न आए और प्रक्रिया पर विश्वास बना रहे।                                           djedtrl

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.