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Friday, 19 December 2014

रिटायमेंट की उम्र घटाने पर उठाया सवाल : कैबिनेट पूरी नहीं तो फैसला सही कैसे

** हरियाणा में रिटायमेंट की उम्र घटाने पर याचिकाकर्ताओं ने उठाया सवाल
** कैबिनेट पूरी नहीं तो फैसला सही कैसे
चंडीगढ़ : हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में कटौती किए जाने के सरकार के फैसले याचिकाकर्ताओं ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बृस्पतिवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील राजीव आत्मा राम ने सवाल उठाया कि हरियाणा में तय प्रावधानों के मुताबिक, मंत्रियों की न्यूनतम संख्या ही पूरी नहीं है, तो कैबिनेट का रिटायरमेंट उम्र के बारे में लिया गया फैसला कोई मायने ही नहीं रखता। याचिकाकर्ताओं की इस दलील पर हाईकोर्ट ने अब हरियाणा सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। 
हरियाणा सरकार ने पिछली सुनवाई पर दाखिल किए अपने जवाब में कहा था कि हुड्डा सरकार ने सेवानिवृत्ति में वृद्धि का फैसला चुनाव आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले लिया था। यह फैसला केवल चुनाव में राजनीतिक लाभ हासिल करने को लिया गया था। इससे पहले कई बार कर्मचारियों की यह मांग ठुकरा दी गई थी। हुड्डा सरकार की ओर से सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने से पहले वित्त विभाग से कोई सलाह नहीं ली गई। यही नहीं, फैसले से कुछ दिन पहले ही केवल यह तय किया गया था कि सेवानिवृत्ति उम्र में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कोई स्वेच्छा से एक्सटेंशन लेना चाहे तो उसे मंजूरी दी जा सकती है, लेकिन इसके बाद तत्कालीन सरकार ने आयु सीमा बढ़ा दी गई। 
कर्मचारियों ने मौजूदा सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति की उम्र कम करने के फैसले को चुनौती देते हुए आरोप लगाया था कि महज सरकार बदलने के कारण ही आयु सीमा कम की गई है। केवल सरकार बदलने के कारण ऐसा फैसला लिया जाना गलत है। लिहाजा सेवानिवृत्ति की आयु सीमा कम करने का फैसला रद्द किया। 
•‘हरियाणा कैबिनेट में हैं 10 मंत्री, होने चाहिए 12’
हाईकोर्ट में वीरवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि नियमानुसार हरियाणा सरकार की कैबिनेट में कम से कम 12 मंत्री होने अनिवार्य हैं, लेकिन इस वक्त सिर्फ 10 मंत्री ही हैं। ऐसे में न्यूनत्म संख्या भी पूरी नहीं है, लिहाजा कैबिनेट मुकम्मल नहीं होने के कारण अल्पमत की केबिनेट का कोई फैसला अधिकृत नहीं है। इसके अलावा याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि सरकार कर्मचारियों से पक्षपात कर रही है। कई उच्चाधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद हाल ही में एक-एक साल की एक्सटेंशन दी गई है।                                                             au

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