** मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षक संगठनों से बातचीत के लिए बुलाई बैठक
चंडीगढ़ : शिक्षा में सुधार लाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों में प्रदेश सरकार शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित करेगी। मौलिक शिक्षा के क्षेत्र में इसकी शुरुआत नए वर्ष से होने वाली है। इसके लिए प्राथमिक और मिडिल स्कूलों के शिक्षकों से विभाग सुझाव लेगा।
मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने शिक्षक संगठनों से बातचीत के लिए 16 जनवरी को शिक्षा निदेशालय पंचकूला में बैठक बुलाई है, जिसमें वे शिक्षकों से मौलिक शिक्षा को और बेहतर बनाने के सुझाव मांगेंगे। निजी स्कूलों के मुकाबले खुद को खड़ा करने के लिए ढांचागत सुधार के साथ ही पढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा संभव है। इसके अलावा शिक्षकों की कई सालों से ठंडे बस्ते में चली आ रही मांगों व रोजाना पेश आने वाली दिक्कतों पर भी गंभीरता से विचार-विमर्श किया जाएगा। शिक्षकों के मांग पत्र पहले ही महानिदेशक के पास पहुंच चुके हैं। उम्मीद है कि बैठक के दौरान ही कुछ जायज मांगों पर मुहर लग जाएगी।
बैठक का स्वागत पर कोर्ट जाने की भी तैयारी
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन ने मौलिक शिक्षा महानिदेशक द्वारा जनवरी में बुलाई गई बैठक का सराहनीय कदम करार दिया है। एसोसिएशन के राज्य प्रधान रमेश मलिक ने कहा कि शिक्षा के सुधार के लिए शिक्षक हर कदम पर सरकार के साथ हैं। बशर्ते उनके सुझावों पर अमल हो। मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को द्वितीय श्रेणी का दर्जा देने के लिए काफी समय से मांग उठाई जा रही है। कोई कार्रवाई न होने से मिडिल हेड हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी में है।
इन मुद्दों पर चर्चा संभव
- शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार कक्षा में 35 छात्र हों।
- विषयों के साप्ताहिक पीरियड प्रति विषय आठ तय करना।
- टीजीटी का वर्क लोड 36 पीरियड प्रति सप्ताह।
- प्रधानाचार्य पदों पर मुख्याध्यापकों का कोटा 20 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत।
- गर्मियों में स्कूलों का समय 8 से दो व सर्दियों में 9 से 3 हो।
- आठवीं की बोर्ड परीक्षा दोबारा शुरू करना।
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