चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य अध्यापक पात्रता परीक्षा मामले में हरियाणा सरकार, कर्मचारी चयन आयोग, स्कूल शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जींद निवासी कविता व अन्य की ओर से दायर याचिका में पीठ से आग्रह किया गया कि जांच में दोषी पाए गए टीचर को बर्खास्त कर उनकी जगह पर भर्ती में वंचित रह गए और भाग लेने वाले उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाए। बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील जगवीर मोर ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता 2009 के विज्ञापन में भर्ती हुए 9847 भर्ती भाग लिया था। हाईकोर्ट ने उसकी याचिका पर 22 अक्टूबर 2010 को इस भर्ती में नियुक्त सभी टीचर के दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेश पर सरकार की जांच रिपोर्ट में हैरानी वाली जानकारी सामने आई। रिपोर्ट से पता चला कि कुल 8300 टीचर में से 1101 टीचर के प्रमाणपत्र ही सही पाए गए। हाईकोर्ट ने 7 मार्च 2014 को इस जांच रिपोर्ट को अपने रिकॉर्ड पर भी लिया था।
हाईकोर्ट में प्रस्तुत जांच रिपोर्ट के अनुसार सीएसएफएल जांच पाया गया है कि केवल 1101 ने टीचर सही परीक्षा पास की है, जबकि 798 टीचर ने साफ तौर पर फर्जी तरीके से परीक्षा पास की है। 6049 टीचर परीक्षा पास करने में संदिग्ध पाए गए हैं। 390 टीचर ऐसे हैं जिन्होंने या तो नौकरी छोड़ दी या भय की वजह से अंगूठे की जांच नहीं कराई। जांच में नहीं पाए। दो टीचर ऐसे हैं जिनका रिकॉर्ड नहीं मिल पाया। याचिकाकर्ता ने पीठ से आग्रह किया कि जांच में दोषी पाए गए टीचर को बर्खास्त कर उनकी जगह पर उस भर्ती में वंचित रह गए और भाग लेने वालों उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाए। जस्टिस रामेश्वर मलिक ने इस पर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। dj
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