जींद : शिक्षा विभाग ने एक बार फिर रेशनेलाइजेशन नीति पर अपना काम शुरू कर दिया है। रेशनेलाइजेशन नीति के अनुसार अब पीजीटी शिक्षक सिर्फ सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में ही पढ़ाएंगे। रेशनेलाइजेशन नीति के तहत हर जिले में स्कूल प्रमुखों से फार्म भरवाकर हाई स्कूलों में पढ़ा रहे पीजीटी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में भेजने का काम किया जा रहा है।
काबिल-ए-जिक्र है कि शिक्षा विभाग ने थ्री टायर पद्धति के तहत अब जाकर काम करना शुरू कर दिया है। कुछ सालों पहले विभाग ने थ्री टायर पद्धति को रखा था, लेकिन उस पर सही तरीके से काम शुरू नहीं कर सकी। थ्री टायर नीति के तहत पहली से पांचवीं जेबीटी, छठीं से आठवीं सीएंडवी तथा मास्टर, नौवीं से 12वीं कक्षा लेक्चरार को पढ़ाने थे। गत दिवस हुई पीजीटी भर्ती के बाद पीजीटी शिक्षकों की अधिकता को देखते हुए उनकी नियुक्ति हाई स्कूल में नौवीं व दसवीं कक्षा को पढ़ाने के लिए कर दी गई। लेकिन वहां भी पीजीटी शिक्षकों व स्कूल मुखिया के द्वितीय श्रेणी के होने के चलते टकराव की स्थिति पैदा हो गई। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब शिक्षा निदेशालय ने नया रास्ता अपनाते हुए सभी पीजीटी शिक्षकों से सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में ही पढ़ाने का निर्णय लिया है।
..तो हो जाएंगे पीजीटी सरप्लस
रेशनेलाइजेशन के तहत पीजीटी शिक्षकों को सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में भेजा जाएगा। सभी पद भरने के बाद पीजीटी शिक्षकों को सरप्लस कर उन्हें दूसरे जिलों में भी भेजा जा सकता है। हालांकि विभाग सोच रहा है कि पद पूरे होने के बाद बाकी बचे पीजीटी को हाई स्कूलों में खाली पड़े स्थानों पर शिफ्ट कर दिया जाए।
लेने होंगे अधिक पीरियड
रेशनेलाइजेशन के तहत अब शिक्षकों को पहले की अपेक्षा पीरियड भी ज्यादा लेने होंगे। पहले जहां केवल 30 पीरियड लेने होते थे, वहीं अब 36 कर दिए गए हैं।
दोबारा विचार करें विभाग : वर्मा
रेशनेलाइजेशन के तहत अब शिक्षकों को पहले की अपेक्षा पीरियड भी ज्यादा लेने होंगे। पहले जहां केवल 30 पीरियड लेने होते थे, वहीं अब 36 कर दिए गए हैं।
दोबारा विचार करें विभाग : वर्मा
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रेस प्रवक्ता भूप वर्मा ने कहा कि पद भरने के बाद पीजीटी सरप्लस हो जाएंगे, जिससे उन्हें दूसरे जिलों में जाना पड़ेगा। साथ ही अब शिक्षकों को पहले ही अपेक्षा ज्यादा पीरियड लेने होंगे। साथ ही बच्चों की संख्या भी बढ़ाकर 50 की जा रही है, जोकि गलत है। शिक्षकों पर बोझ बढ़ाया जा रहा है ताकि शिक्षकों के पदों को खत्म किया जा सके dj
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