कुरुक्षेत्र : प्रदेश के शिक्षा एवं पर्यटन मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि विश्व व्यापी पवित्र ग्रंथ गीता के अध्यायों को प्राइमरी से विश्वविद्यालय स्तर तक की कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। प्राइमरी कक्षा में छोटे अध्यायों और यूनिवर्सिटी स्तर की कक्षाओं में बड़े अध्यायों को पढ़ाया जाएगा। आज समाज में संस्कार और संस्कृति का ज्ञान देने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता ही सर्वोच्च माध्यम है। गीता के ज्ञान के बिना जीवन को सफल नहीं बनाया जा सकता।
रामविलास शर्मा सोमवार को देर सायं ब्रrासरोवर के पावन तट पर श्री कृष्ण कृपा गोशाला समिति एवं श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय दिव्य गीता सत्संग के दूसरे दिन के शुभारंभ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि गीता से ही मानव को नई ऊर्जा मिल सकती हैं। समाज के सभी लोगों को पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अनुसरण करना चाहिए और प्रेरणा लेकर एक अच्छे समाज का निर्माण करने में अपना सहयोग देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भी विदेशों में जाकर गीता का अनुसरण करने का संदेश दिया। इससे सहजता से आकलन किया जा सकता है कि आज पूरे विश्व में लोग गीता का अनुसरण करना चाहते हैं। यह ग्रन्थ आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। विश्व में आज चर्चा की जा रही है कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मानव शोषण व अन्याय आदि समस्याओं से कैसे निजात पाई जाए। कानून से ही इन तमाम बुराइयों पर काबू नहीं पाया जा सकता है, इसके लिए मानव की मानसिकता को बदलने की जरूरत है। dj
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