** गंदगी देख बीईओ को और गैर हाजिर मिली हेड को सस्पेंड किया
पंचकूला : शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि सरकारी शिक्षकों को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले दुगुनी सेलरी मिल रही है। बावजूद इसके सरकारी शिक्षक मेहनत नहीं करते। यही वजह है कि जनता में धारण बन रही है कि प्राइवेट स्कूल अच्छे होते हैं।
बुधवार को सेक्टर 17 के गवर्नमेंट हाई स्कूल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे शर्मा यहां गंदगी और जर्जर भवन देखकर खफा हो गए। उसी के बाद उन्होंने शिक्षकों को यह बातें सुनाई। मंत्री ने स्कूल से गैर हाजिर हेडमिस्ट्रेस उमा यादव के साथ, खंड शिक्षा अॉफिसर (बीईओ) उर्मिल देवी को भी सस्पेंड कर दिया। मंत्री ने कक्षाओं में जाकर बच्चों से भी बात की। एक कमरे की दयनीय स्थिति को देखते हुए वहां से बच्चों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए।
डीईओसे कहा-खामियां का स्पष्टीकरण मांगे:
शिक्षामंत्री ने डीईओ सावित्री सिहाग से स्कूल में पाई जाने वाली सभी खामियों का स्पष्टीकरण संबंधित टीचर्स या स्कूल मुखिया से मांगे जाने का आदेश दिया। खामियों के लिए जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगा, ताकि इस तरह की लापरवाही किसी और स्कूल में बरती जाए।
शिक्षा मंत्री उस समय हैरान रह गए जब स्कूल का कोई भी शिक्षक स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सही संख्या नहीं बता पाया। मंत्री बोले-जब शिक्षकों को ही नहीं पता, कितने बच्चे हैं तो यहां पढ़ाई कैसे होती है।
रिपेयर का पैसा तीन साल से पड़ा था
स्कूल की बिल्डिंग की मरम्मत के लिए 2012 से करीब 5 लाख का फंड रखा गया था। पिछले तीन साल से ही इस मामले में शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने कार्रवाई की और ही स्कूल प्रबंधन द्वारा इस मामले में कोई कदम उठाया गया। दो साल में फंड बढ़कर 6 लाख 91 हजार हो गया। स्कूल की मुखिया उमा यादव का 5 महीने पहले ही प्रमोशन हुआ था। जनवरी में उनकी रिटायरमेंट है, इस वजह से उन्होंने बड़े प्रोजेक्ट को हाथ लगाना ही उचित नहीं समझा।
कुक बोलीं - हमारी तनख्वाह बढ़वा दो
शिक्षा मंत्री ने स्कूल में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच की और कुकिंग कर रही महिलाओं से बात की। महिलाओं से पूछा कि उन्हें कितना वेतन मिलता है, तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें 2,500 रुपए मिलते हैं। शिक्षा मंत्री से वेतन बढ़ाने की मांग की तो उन्होंने इस दिशा में कार्रवाई करने का भरोसा दिया।
बच्चों से पूछा कोई टीचर डराता तो नहीं
रामबिलास सभी कक्षाओं में गए। इस दौरान बच्चों से पूछा कि स्कूल में कोई टीचर डराता-धमकाता तो नहीं। इस पर बच्चे तिरछी नजरों से शिक्षकों की तरफ देखकर मुस्कराने लगे।
मेरा कोई कसूर नहीं- बीईओ
'मेरा तो कोई कसूर ही नहीं है। मुझे हेडमिस्ट्रेस उमा देवी ने मेडिकल लीव भेजी थी। मैं स्वीकृति के लिए अधिकृत नहीं हूं, इसलिए डीईओ को फॉरवर्ड किया। रही बात स्कूल की बिल्डिंग के रिपेयर की तो यह जिम्मेदारी स्कूल हेड की होती है। इसके लिए मुझे ही सूचित किया और ही इस बारे में जानकारी थी। db
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