चंडीगढ़ : मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को द्वितीय श्रेणी का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास के आदेशों पर स्कूल शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त टीसी गुप्ता ने मिडिल हेड को ग्रेड बी में शामिल करने के लिए मौलिक शिक्षा महानिदेशक से टिप्पणी मांगी है। इसके बाद कार्रवाई रिपोर्ट वित्तायुक्त की तरफ से शिक्षा मंत्री को भेजी जाएगी। तृतीय श्रेणी में शामिल मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों से विभाग वर्तमान में काम तो द्वितीय श्रेणी का ही ले रहा है, लेकिन दर्जा नहीं दिया हुआ है। मुख्याध्यापकों को ग्रेड-बी में आने पर आधिकारिक रूप से प्रशासनिक शक्तियां मिल जाएंगी। उन्हें ग्रेड पे या वेतन में कोई लाभ नहीं होगा। मुख्याध्यापकों को द्वितीय श्रेणी का दर्जा देने से सरकारी खजाने में ही बढ़ोतरी होगी। चूंकि सरकार को द्वितीय श्रेणी में आने के बाद लगभग चार हजार मौलिक मुख्याध्यापकों को दो हजार रुपये अंतिम राहत नहीं देनी पड़ेगी। पूर्व हुड्डा सरकार के समय से तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को दो हजार रुपये अंतरिम राहत दी जा रही है। मुख्याध्यापक लंबे समय से ग्रेड-बी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं
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