फरीदाबाद : राजकीय कॉलेजों में प्राध्यापकों सहित लापरवाह और कामचोर
कर्मियों पर शिकंजा कसा जाने वाला है। उच्चतर शिक्षा निदेशालय प्रदेश के
सभी राजकीय कॉलेजों में तैनात प्राध्यापकों के प्रदर्शन व अन्य गतिविधियों
का डाटा तैयार कर रहा है।
इसके तहत सभी कॉलेजों में 9 पेज का फॉर्म भेजा
गया है। इस फॉर्म में प्राध्यापकों को अपने व्यक्तिगत विवरण के अलावा उनकी
कक्षाओं का प्रदर्शन, अपने विषय पर खोज कार्य, पढ़ाई के अलावा अन्य
गतिविधियों में भागीदारी, पिछले वर्षो में लिखी गई किताबें, प्रकाशित हुए
शोधपत्र जैसी जानकारियां देनी होंगी। पुष्टि के लिए उन्हें प्रमाण भी देने
होंगे। प्राध्यापकों की ओर से दी गई जानकारी पर प्राचार्य की मंजूरी जरूरी
होगी। सूत्रों का कहना है कि निदेशालय का इस जानकारी को एकत्र करने का मकसद
उच्चतर शिक्षा विभाग में कमजोर कड़ियों की पहचान करना है ताकि समय रहते
उन्हें दुरुस्त किया जा सके या बदला जा सके।
तीन स्तर पर तैयार किया जा रहा है डाटा
उच्चतर शिक्षा निदेशालय राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत
तीन स्तरीय डाटा तैयार कर रहा है। इसमें प्राध्यापकों के अलावा कॉलेज और
छात्रों के प्रदर्शन का भी डाटा तैयार किया जा रहा है। कॉलेज के प्रदर्शन
से संबंधित जानकारी प्राचार्य की ओर से तैयार की जाएगी। इसमें कॉलेज का
ओवरऑल रिजल्ट, सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियों में कॉलेज का प्रदर्शन,
कॉलेज की विभिन्न इकाइयों का प्रदर्शन जैसी जानकारियां देनी होंगी। छात्रों
के स्तर पर परिणाम का फीसद, विभिन्न विषयों में रुचि, गतिविधियों में
छात्रों की भागीदारी, उपस्थिति जैसी जानकारियां एकत्र की जा रही हैं। इसे
कॉलेज में प्राध्यापकों की टीम तैयार करेगी।
"राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा विभाग
की ओर से कॉलेज, प्राध्यापक और छात्र स्तर पर जानकारी मांगी गई है। इसे दिए
गए निर्देशों के आधार पर तैयार किया जा रहा है"-- बिमला विश्नोई,
प्राचार्या,पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय महाविद्यालय। dj
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