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Wednesday, 16 March 2016

गोदाम में सड़ गया मिड-डे मील का 1659 क्विंटल चावल और 440 क्विंटल गेहूं

अनदेखी : मिड-डे मील के लिए सप्लाई होना था, लेकिन 2011-12 में मिलावट के चलते किया था जब्त 
** राशन में मरे हैं कीड़े-चूहे, यह अनाज जानवरों के खाने लायक भी नहीं 
लाखों रुपए का राशन हो गया बर्बाद
यमुनानगर : जिस चावल गेहूं के दाने को किसान ने कड़ी मेहनत कर तैयार किया था वह गोदाम में पड़ा-पड़ा सड़ गया। हजारों क्विंटल चावल गेहूं को चूहे अन्य जानवर खा रहे हैं। लेकिन यह राशन सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का निवाला बन सका। जगाधरी में यमुनानगर रोड पर बने कन्फेड गोदाम में चार साल से यहां पर मिड-डे मील का राशन पड़ा हुआ है। जोकि इन दिनों सड़ चुका है। तीन माह पहले विभाग ने इसके सैंपल लिए। 
सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में आया कि चावल गेहूं खाने लायक नहीं रही। यानी हजारों क्विंटल राशन ऐसे ही सड़ गया, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। अब यह इंसान के क्या जानवर के खाने लायक भी नहीं रहा। जगाधरी एएफएसओ वीरेंद्र कुमार का कहना है कि गोदाम में 1659 क्विंटल चावल सैकड़ों क्विंटल गेहूं पड़ी है। जोकि कन्फेड की है। 
एक साल पहले नींद खुली थी अधिकारियों की 
चार साल तक इस राशन की किसी ने सुध नहीं ली। एक साल पहले कन्फेड के अधिकारियों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर राशन स्कूलों में सप्लाई करने की बात कही। लेकिन शिक्षा विभाग अधिकारियों ने इसे लेने से हाथ खड़े कर दिए। इस राशन की सैंपलिंग के लिए शिक्षा विभाग, डीएफएससी विभाग, कन्फेड अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल थे। तीन माह पहले इसकी सैंपलिंग की गई। अभी तक इसकी रिपोर्ट डीएफएससी शिक्षा विभाग को नहीं मिली है। 
"चावल गेहूं की रिपोर्ट गई है। रिपोर्ट को संबंधित विभाग के अधिकारियों को मंगलवार को ही भेजा है। हालांकि डॉक्टर जैन ने यह नहीं बताया कि रिपोर्ट फेल आई है या पास। लेकिन सीएमओ आफिस के सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट फेल आई है। वह चावल गेहूं इंसान के खाने लायक नहीं रही"-- डॉक्टरवी के जैन, डिप्टी सीएमओ 
"यह चावल गेहूं मिड-डे मील के लिए सप्लाई होना था। लेकिन इसे किसी कारण से ठेकेदार से जब्त कर लिया गया था। इस राशन के ऑक्शन के लिए सैंपलिंग कराई थी। लेकिन सैंपल की रिपोर्ट अभी उन्हें नहीं मिली है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद इसकी ऑक्शन कराई जाएगी। "-- सुरेंद्र सिंह, डीएफएससी 
हमारा नहीं है राशन 
मौलिक शिक्षा अधिकारी आनंद चौधरी का कहना है कि जो राशन सड़ा है वह शिक्षा विभाग का नहीं है। क्योंकि अगर यह राशन स्कूलों में सप्लाई हो जाता और स्कूल में पड़ा सड़ जाता तो इसके जिम्मेदार हम होते। यह राशन कन्फेड का है। उन्हीं के गोदाम में रखा है। इस राशन की शिक्षा विभाग ने कोई पेमेंट भी नहीं की है। 
अधिकारियों के मुताबिक गोदाम में 1659 क्विंटल चावल 440 क्विंटल गेहूं पड़ी है। इस समय परमल चावल का रेट 25 से 30 रुपए और बासमती का 45 से 50 रुपए प्रति किलो है। इस तरह खराब हुए चावल की कीमत करीब 50 लाख रुपए बैठती है। वहीं गेहूं का रेट 1500 रुपए प्रति क्विंटल है। इस हिसाब से गेहूं छह लाख 60 हजार रुपए की बैठती है। अधिकारी अब सड़ने के बाद गेहूं चावल के ऑक्शन की बात कह रहे हैं। लेकिन अब इसे कोई कौड़ियों के भाव ही खरीदेगा। शायद नीलामी लेने वाला कोई आए भी नहीं।जगाधरी के गोदाम रखा था 
इस चावल गेहूं को 2011-12 में मिलावट के चलते जब्त किया गया था। यह राशन बिलासपुर ब्लॉक के स्कूलों में मिड-डे मील के लिए सप्लाई होना था। एसडीएम बिलासपुर द्वारा जब्त करने के बाद इस राशन को ठेकेदार से रिकवर कर जगाधरी स्थित गोदाम में रखवा दिया गया। लेकिन यहां पर इसे सड़ने के लिए ऐसे ही रख दिया गया। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी किसी ने नहीं समझी। इन दिनों बोरियों से चावल बाहर बिखरा पड़ा है। इसमें चूहे मरे पड़े हैं और गंदगी में चावल गेहूं हैं।                                        db

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