विद्यार्थियों के लिए इस बार का रिजल्ट खास भी होगा अौर कुछ अलग भी। विशेष रूप से कक्षा नौवीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों के लिए तो यह एकदम अलग होगा, क्योंकि सरकार द्वारा उनका मूल्यांकन सेमेस्टर के बजाय वार्षिक स्तर पर होगा।
गौरतलब है कि इस सत्र में शिक्षा विभाग ने सेमेस्टर सिस्टम खत्म कर दिया था, इसके बाद पहली बार बोर्ड ने 9वीं और 11वीं क्लास के एग्जाम लिए हैं। सेमेस्टर सिस्टम खत्म होने के बाद इस बार सभी प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूलों में वार्षिक सिस्टम पर एग्जाम लिए हैं। जबकि पिछले सेशन तक केवल छह महीने के आधार पर एग्जाम लिए जाते थे और उसी आधार पर रिजल्ट तैयार होते थे लेकिन एनुअल एग्जाम में बोर्ड ने पूरे साल के आधार पर अन्य गतिविधियों को भी शामिल करने का निर्देश दिया है। इसे क्रॉस चेक भी किया जाएगा।
ऐसे तैयार होगा रिजल्ट
जुलाई, अगस्त, अक्टूबर, नवंबर, जनवरी और फरवरी में हुए मासिक मूल्यांकन के कुल 120 अंक का दसवां हिस्सा शामिल किया जाएगा। मतलब कुल 12 अंक स्टूडेंट्स को दिए जाएंगे। सितंबर और दिसंबर में मंथली एग्जाम नहीं हुए थे तो उन महीनों के अंक शामिल नहीं किए जाएंगे। वहीं सितंबर की अर्ध वार्षिक परीक्षा में 40 में से छात्रों के प्राप्त अंक का दसवां हिस्सा शामिल किया जाएगा यानी 4 अंक स्टूडेंट्स को अलग से दिए जाएंगे। साथ ही प्रोजेक्ट और अटेंडेंस क्लास की गतिविधियों पर प्राप्त अंक यानी 10 नंबर मिलेंगे। इसके अलावा 80 अंक के एनुअल एग्जाम में से बाकी के अंक दिए जाएंगे। सभी को जोड़कर रिजल्ट तैयार होगा। db
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