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Tuesday, 15 March 2016

ऑनलाइन रिकार्ड में 5 साल से अध्यापक का नाम दर्ज, आज तक नहीं पहुंचा स्कूल

** लापरवाही : धनौरा स्कूल की स्टाफ स्टेटमेंट में 20 सिंतबर 2010 से नाम दर्ज 
** एक अन्य अध्यापक की भी हर बार परीक्षा के दिनों में विभाग लगाता है ड्यूटी 
मुलाना : प्रदेश का शिक्षा विभाग अपने कार्य बच्चों की शिक्षा को लेकर कितना संजीदा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विभाग के ऑनलाइन रिकार्ड में प्रदेश के एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की स्टाफ स्टेटमेंट में पिछले पांच सालों से एक ऐसे अध्यापक का नाम दर्शाया जा रहा है, जो आज तक कभी स्कूल ही नहीं आया। इतना ही नहीं, एक अन्य अध्यापक भी इस फेहरिस्त में शामिल है, जिनकी हर बार परीक्षा के दिनों में विभाग की तरफ से ड्यूटी लगाई जाती है। उक्त स्कूल के प्रिंसिपल ने भी जानकारी आलाधिकारियों को देनी जरूरी नहीं समझी। 
मामला गांव धनौरा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल का है। इसकी ऑनलाइन स्टाफ स्टेटमेंट में भीम सिंह नामक अध्यापक का नाम दर्ज है। जो 20 सिंतबर 2010 से धनौरा स्कूल में एसएस अध्यापक के पद पर दर्शाया जा रहा है लेकिन स्थिति यह है कि भीम सिंह नाम का अध्यापक आज तक धनौरा स्कूल में आया ही नहीं। शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर स्टाफ स्टेंटमेंट के मुताबिक भीम सिंह नाम के इस टीचर की प्रमोशन हुई और 20 सिंतबर 2010 को धनौरा स्कूल में पोस्टिंग मिली पर स्कूल में इस नाम का कोई भी टीचर नहीं है। मामले की जानकारी होने के बाद स्कूल के मुखिया ने यह बात अपने आलाधिकारियों को नहीं बताई और ही शिक्षा विभाग ने वेबसाइट को दुरुस्त करने की जरूरत समझी। स्कूल स्टाफ स्टेटमेंट में इन अध्यापकों का नाम होने का यह सवाल पैदा हो गया है कि कहीं विभाग के रिकार्ड में ये दोनों अध्यापक सच में इसी स्कूल में ड्यूटी तो नहीं कर रहे? 
"स्कूल के प्रिंसिपल ने कभी इस मामले की जानकारी नहीं दी। मैं इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल से बात कर रहा हूं। आज विभाग को इस बारे में लिखकर भेजा जाएगा।"-- डाॅ.पवन गुप्ता, खंड शिक्षा अधिकारी बराड़ा। 
"शिक्षा विभाग की ऑनलाइन स्टाफ स्टेटमैंट में भीमसिंह का नाम दर्ज है। पंकज मोहन नाम का एक अन्य अध्यापक है जिसकी हर बार परीक्षा में ड्यूटी आती है और ये अध्यापक भी इस स्कूल में नहीं है। मैंने तो सितंबर 2015 में कार्यवाहक प्रिंसिपल का कार्यभार संभाला है। उससे पहले अगर प्रिंसिपल से इस बारे विभाग को सूचित किया है या नहीं, मैं नहीं जानता।"-- मुकेशकुमार, कार्यवाहक प्रिंसिपल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौरा। 
स्टाफ की कमी से प्रभावित हो रही पढ़ाई 
धनौरा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मेंं प्रिंसिपल से लेकर चपरासी तक 15 पोस्टें खाली पड़ी हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। पहले प्लान के सरपंच श्यामलाल धीमान ने स्कूल में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए कई बार विभाग से गुहार लगाई थी, किसी ने भी सुनवाई नहीं की थी। 
दो साल से लग रही ड्यूटी, उसे भी कोई नहीं जानता 
इसी स्कूल में एक पंकज मोहन नाम का अध्यापक है, जिसे तो कोई अध्यापक जानता है और ही वह कभी स्कूल मेंं आए। लेकिन पिछले दो सालों से इस नाम के टीचर की परीक्षा में ड्यूटी लगाई जा रही है।                                             db 


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