बालसमंद : हिसार खंड दो के एक स्कूल में मिड-डे-मील योजना की खिल्ली उड़ती हुई नजर आई। यहां के एक स्कूल में पिछले एक सप्ताह से से मिड-डे-मील नहीं परोसा जा रहा है। बच्चों को हर रोज अगले दिन खाना बनने की बात कहते हुए दूसरे दिन खाली पेट ही घर से बुला लिया जाता है। मिड-डे-मील की आस में छात्र भी पिछले एक सप्ताह से घर से खाली पेट ही जाते हैं। मगर उन्हें स्कूल में बनने वाला खाना नसीब होने की वजह से दोपहर को घर जाकर ही भोजन करना पड़ रहा है। मामला सरसाना गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का है, जहां खाना बनाने के लिए ईंधन होने की बात कहते हुए पिछले सप्ताहभर से खाना नहीं बनाया जा रहा है। हालांकि विभाग की ओर से ईंधन की खरीद के लिए अलग से राशि भेजी जाती है। एसएमसी प्रधान सुंदर सिंह का कहना है कि मिड-डे-मील को लेकर स्कूल के बच्चे कई बार शिकायत करते हैं। स्कूल के बच्चों का कहना है कि कई महीने में कई बार मिड-डे-मील नहीं बनाया जाता। जिले के कई अधिकतर स्कूलों को मिड-डे-मील बनाने के लिए गैस सिलेंडर मिल चुके हैं, मगर जिन स्कूलों को गैस सिलेंडर नहीं मिले हैं उन्हें विभाग की ओर से ईंधन खरीदने के लिए नगद राशि भेजी जाती है। इसके अलावा सब्जी, दूध और अन्य कई जरूरी सामान के लिए भी विभाग की ओर से नगद राशि भेजी जाती है।
आज ही गैस कनेक्शन मिला : हेडमास्टर
मिड-डे-मील इंचार्ज स्कूल के हेडमास्टर सतपाल सिंह ने बताया कि खाना बनाने के लिए ईंधन नहीं था। आज ही उन्हें स्कूल के लिए गैस कनेक्शन मिला है। अब वे कल से स्कूल में खाना बनाना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले कुछ दिन से विभाग की ओर से मिड-डे-मील का सामान खरीदने के लिए मिलने वाली राशि भी नहीं मिली है।
मामले की जांच करेंगे : बीईओ
शिक्षा विभाग के बीईओ नरेश कुमार मेहता ने बताया कि यह तो हैरानी वाली बात है कि स्कूल में पिछले एक सप्ताह से खाना नहीं बना है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से ईंधन और अन्य सामान खरीदने के लिए राशि भेजी जाती है। अन्य सामान के लिए भेजी जाने वाली यह राशि अगर लेट भी हो जाए तो स्कूल प्रशासन अन्य फंड की राशि भी काम में ले सकता है। वे इस मामले की जांच करेंगे। db
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