अम्बाला : एक ओर जहां शिक्षा विभाग द्वारा सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में टीचर्स की अटेंडेंस लगाने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू किया गया है। वहीं अब जिन प्राइमरी मिडिल स्कूल में बायोमीट्रिक मशीन की व्यवस्था नहीं है, उन स्कूलों में टीचर्स अपनी मर्जी से आते और जाते हैं। टीचर्स की इस मनमानी के चलते बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो और सभी टीचर्स टाइम पर स्कूल पहुंचे। इसके लिए विभाग ने मिडिल, प्राइमरी स्कूलों टैब उपलब्ध कराए जाएंगे। विभाग की ओर से टैब उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया 21 मार्च को उक्त स्कूलों में शुरू कर दी जाएगी।
विभाग की ओर से जिले के करीब 623 प्राइमरी मिडिल स्कूलों में टैब उपलब्ध कराया जाएगा। यह टैब बायोमीट्रिक मशीन की तरह ही काम करेगा, क्योंकि इस इस टैब को ऑनलाइन हेड ऑफिस से कनेक्ट किया जाएगा ताकि अधिकारियों को अन्य सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के टीचर्स की अटेंडेंस की जानकारी के साथ-साथ इन स्कूलों के टीचर्स की अटेंडेंस भी समय पर हेड ऑफिस में मिले सके।
सरकारी स्कूलों में परिणाम बेहतर बनाने टीचर्स को स्कूलों में समयबद्ध करने के लिए विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि ऐसा करने से जहां बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी, क्योंकि टैब उपलब्ध होने पर यदि किसी भी टीचर्स ने स्कूल से फरलो मारी या समय पर स्कूल पहुंचे तो उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा। कार्रवाई के डर से टीचर्स भी अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे।
21 मार्च को उक्त स्कूलों में टैब पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं नए सत्र यानी एक अप्रैल से सभी टीचर्स की अटेंडेंस टैब के जरिए ही लगेगी, ताकि नए सत्र से टीचर्स की जानकारी हासिल हो सके कि कौन-सा टीचर्स किस स्कूल में कार्यरत है। db
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