जींद : शिक्षा विभाग ने फरवरी में एक अच्छी पहल की। पहल भी यह कि हर स्कूल
में गरीब घरों से आने वाली उन बालिकाओं को हर माह मात्र प्रार्थना सभा में
खड़ा कर उनके जन्मदिन की बधाईयां दी जाए और हो सके तो मिड डे मील के खाने
से उसका मुंह भी मीठा करवा दिया जाए।
फरवरी में विभाग के आदेश पर ऐसा
हुआ भी, अतिथि भी आए व बालिकाओं को बधाई भी मिली, लेकिन मार्च में स्कूल
मुखिया ऐसा करना भूल गए। इस बार न तो कोई अतिथि आया और न ही मार्च माह में
जन्म लेने वाली बेटियों को खड़ा कर उनको आशीर्वाद दिया गया। प्रदेश भर में
किसी भी स्कूल ने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद निदेशालय ने कार्यक्रमों का
आयोजन कर रिपोर्ट मांगी है।
एक माह में ही आदेश हवा
सरकारी स्कूलों कई बार
अपने ही विभाग के आदेशों पर अमल करना भूल जाते है, जिसके चलते विभाग को
बार-बार पत्र जारी कर उन्हें याद दिलाना पड़ता है। इस बार भी स्कूल
मुखियाओं ने कुछ ऐसा ही किया है, जिसकी वजह से विभाग को दोबारा पत्र जारी
करना पड़ा। पिछले दिनों विभाग ने छात्रओं का जन्मदिन मनाया, जिसे विभाग ने
कार्यक्रम के तहत मनाने के आदेश दिए थे, लेकिन स्कूल मुखियाओं ने एक बार
कार्यक्रम आयोजित कर मार्च में कार्यक्रम आयोजित नहीं किए।
कारण पूछा
शिक्षा विभाग ने जनवरी माह में आदेश जारी कर स्कूल की
बालिकाओं का जन्मदिन अभिनंदन कार्यक्रम के तहत मनाने का निर्णय लिया था तथा
अभिभावकों को मिड डे मिल भोजन के तहत अतिथि भोज कार्यक्रम आयोजित किया
जाना था। विभाग के आदेश मिलने के बाद फरवरी माह में तो यह कार्यक्रम आयोजित
कर दिया गया, लेकिन उसके बाद न तो बालिकाओं का जन्मदिन मनाया गया और न ही
अतिथि भोज का आयोजन किया गया। ऐसे में विभाग के पास कोई रिपोर्ट नहीं भेजी
गई। इसके चलते अब विभाग ने पत्र जारी कर मार्च माह में यह कार्यक्रम आयोजित
नहीं किए जाने का कारण पूछा है व हर माह के तीसरे मंगलवार को हर हाल में यह कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश दिया गया है।
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