निजी स्कूलों में भी पहली से बारहवीं तक की दाखिला प्रक्रिया को जनवरी माह से ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। राजकीय स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन होने से फर्जी दाखिलों, मिड-डे मील और यूनीफॉर्म जैसे धांधलियां रोकने में सफलता मिली है। पिछले सत्र में जिले के कुछ स्कूलों में फर्जी दाखिले दिखाकर स्टाइफंड लेने जैसी गड़बड़ियों की जांच चल रही है। एमआइएस सिस्टम पर पूरा डाटा ऑनलाइन होने से इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने में सफलता मिली है।
गलत आंकड़े दिखाकर करते थे फर्जीवाड़ा
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या रिकॉर्ड में गलत दिखाकर उनके नाम से यूनीफार्म, मिड-डे मील और स्टाइफंड में गड़बड़ी की जाती है। जिला शिक्षा अधिकारी ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड जांच कर इस तरह की गड़बड़ियों को पकड़ा है। किसी स्कूल में बच्चों की संख्या साल दर साल कम हुई है तो इसकी भी जांच की जाएगी। जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हुई है उनके प्राचार्यो को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इसमें संबंधित स्कूल के प्राचार्य को बच्चों के स्कूल छोड़ने का निश्चित कारण बताना होगा। अपनी मासिक रिपोर्ट में भी विद्यार्थी के स्कूल छोड़ने की जानकारी देनी होगी। निजी स्कूलों का पूरा सिस्टम ऑनलाइन होने से काम मेंपारदर्शिता आएगी।
"निजी स्कूलों को एमआइएस सिस्टम पर डाटा अपलोड करने के निर्देश दे चुके हैं लेकिन स्कूल इसको गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिला शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।"-- परमेश्वरी हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी। dj
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