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Monday, 14 March 2016

श्रीश्री रविशंकर के बयान पर अध्यापक संघ ने जताया विरोध

फतेहाबाद: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने श्री रविशंकर के उस बयान का विरोध किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार को सरकारी स्कूल बंद कर देने चाहिए क्योंकि इनमें नक्सली व आतंकी पनपते हैं। संघ नेताओं ने कहा कि रविशंकर जी का यह बयान जितना निंदनीय है, कहीं ज्यादा आपराधिक है वहीं देश की सरकारों, शिक्षा विभाग व आम जनता के मुंह पर तमाचा है।
यह बयान जनता की असली व्यवहारिक आर्ट ऑफ लि¨वग को नकार कर बाजारपरइह तथाकथित शोषण पर आधारित है। इस बयान के बाद माफी मांगने सहित वे कोई भी सफाई दें लेकिन जनता यह जरूर समझ गई है कि वे किस प्रकार की विचारधारा का प्रचार प्रसार करना चाहते हैं। अध्यापक संघ के राज्य महासचिव सीएन भारती, राजेन्द्र बाटू, राजपाल मित्ताथल, जिला सचिव कृष्ण नैन ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सरकारी स्कूलों में असली भारत पढ़ता है। वे स्वयं आर्थिक तौर पर कमजोर हो सकते हैं परंतु देश के आर्थिक विकास की सदा से धुरी रहे हैं और आगे भी रहेंगे। असली व्यवहासिक, मानवतावादी व जनकल्याणकारी आर्ट ऑफ लि¨वग के संवाहक इन्हीं स्कूलों के विद्यार्थी रहे हैं। चाहे आजादी की लड़ाई हो या देश के लिए जान देने वाले सिपाही, सूई से जहाज तक बनाने वाले हाथों के मालिक मजदूरों की बात करें या देश का पेट भरने वाले किसानों की, सभी के बच्चे इन्हीं सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में पढ़कर मजदूर, कर्मचारी, सिपाही व किसान बनकर जबतक चंद लूटेरों की दास्तां करें तो ये स्कूल व इनके बच्चे देशभक्त हैं परंतु जब ये खाने को मांगे, अपना हक मांगे तो देशद्रोही, आतंकी और नक्सली हो जाते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।                                                        dj 

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