चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के तरीके में बदलाव होने
वाला है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की तरह राजकीय स्कूलों में भी एलकेजी
और यूकेजी की कक्षाएं आरंभ की जा सकती हैं। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास
शर्मा ने विधानसभा में इसके लिए नीति बनाने का एलान किया है।
इनेलो विधायक
केहर सिंह नेहथीन निर्वाचन क्षेत्र के गांव मंडकौला, मानपुर, फुलवाडी,
नांगल जाट धरोट, मढनाका और टहरकी के कन्या स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर राजकीय
वरिष्ठ माध्यमिक करने की मांग की थी। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा
यह प्रस्ताव तो नहीं माने, लेकिन केहर सिंह के सुझाव पर मंत्री ने कहा कि
स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बढ़ाने को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। सरकार
द्वारा राजकीय स्कूलों में पहली कक्षा से पहले एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं
आरंभ करने पर विचार होगा। सरकार इसके लिए पालिसी बना सकती है।
स्कूलों में
37 हजार शिक्षकों की कमी :
कांग्रेस विधायक उदयभान हालांकि विधानसभा में
नहीं थे, लेकिन उनके सरकरी स्कूलों में अध्यापकों की कमी से जुड़े सवाल पर
पूरी रिपोर्ट मंत्री ने सदन के पटल पर रखी। राज्य में करीब 37 हजार
शिक्षकों की कमी है। मंत्री ने बताया कि पीआरटी व जेबीटी के 35501 पदों के
विपरीत 25197 शिक्षक काम कर रहे हैं। मुख्य शिक्षकों के 5408 पदों के
विपरीत 2664 तथा सीएंडवी के 18940 पदों के विपरीत 13262 शिक्षक काम कर रहे
हैं। पीजीटी के 34 हजार 61 पद स्वीकृत हैं, लेकिन स्कूलों में 17 हजार 519
शिक्षकों से ही कम चलाया जा रहा है। उच्च विद्यालयों के मुख्य अध्यापकों
के 1756 पदों के विपरीत 784 तथा प्राचार्य के 1523 पदों के विपरीत 1276
प्राचार्य से ही काम चलाया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने सदन में तीन दिन
पहले बताया था कि सरकार करीब 20 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। dj
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