** आवेदन पर टिप्पणी भी लिखी-मजदूरी करने के लिए अवकाश दिया जाता है...
जांजगीर-चांपा : एक शिक्षाकर्मी की तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से आर्थिक स्थिति बुरी तरह बिगड़ी तो उसने अपने बीईओ से मजदूरी करने के लिए छुट्टी मांग ली। इसके लिए शिक्षक ने बाकायदा आवेदन किया। स्कूल के हेडमास्टर ने आकस्मिक अवकाश मंजूर भी कर लिया। यही नहीं, आवेदन में बाकायदा टीप भी लिखी - मजदूरी करने के लिए अवकाश दिया जाता है...। मामला जांजगीर-चांपा जिले के डभरा ब्लॉक का है। वहां कांसा के सरकारी मिडिल स्कूल के सहायक शिक्षक संजीव कुमार भारद्वाज ने डभरा के बीईओ को चिट्ठी लिखी। उसने कहा कि तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। घर चलाने के लिए वह मजदूरी करना चाहता है, इसलिए आकस्मिक अवकाश चाहिए। इस तरह की चिट्ठी की बात जैसे ही फैली, सरकारी अमले में खलबली मच गई। इस बीच, सोशल मीडिया में चिट्ठी वायरल हो गई।
जिसमें मजदूरी करने के लिए भारद्वाज को छुट्टी देने की बात कही गई है। इस चिट्ठी में संकुल प्रभारी व संबंधित प्रधानपाठक की सील और दस्तखत भी हैं। हालांकि बात फैलने के बाद अफसरों ने लीपापोती करने के लिए जांच का ऐलान कर दिया है।
क्यों नहीं मिला वेतन :
सूत्रों के अनुसार शिक्षक पंचायत संवर्ग के लिए शासन ने फिलहाल फंड रोक दिया है। इस वजह से प्रदेश में कई जगह पंचायत शिक्षकों को दो से तीन माह का वेतन नहीं मिल पाया है। जब तक फंड नहीं मिलेगा, वेतन नहीं दिया जा सकता।
मजदूरी के लिए नहीं ले सकता छुट्टी : सीईओ
जिला पंचायत सीईओ विश्वेश कुमार ने कहा कि कोई भी कर्मचारी आकस्मिक अवकाश ले सकता है। लेकिन मजदूरी करने के लिए छुट्टी नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि पूरे मामले का ब्योरा लेंगे। उधर, डभरा के बीईओ बीएल खरे ने ऐसी चिट्ठी मिलने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी को मजदूरी करने के लिए छुट्टी नहीं दी जा सकती। इस मामले की जांच होगी और दोषी पर कार्रवाई भी करेंगे। db chatisgarh
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