** शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा को 28 अप्रैल को हाईकोर्ट में तलब
पंचकूला/तोशाम : अदालती आदेशों के बावजूद हरियाणा के अतिथि अध्यापकों को न हटाने जाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगायी है। इस मामले में शिक्षा विभाग के वित्त सचिव को 28 अप्रैल के लिए कोर्ट में तलब किया गया है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ मंगलवार को तिलकराज की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट जगबीर मलिक ने पक्ष रखा जबकि डिप्टी एडवोकेट जनरल तनीषा पेशावरिया हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुईं। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने शिक्षा विभाग के प्रति काफी सख्ती दिखाई और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगायी।
पंचकूला/तोशाम : अदालती आदेशों के बावजूद हरियाणा के अतिथि अध्यापकों को न हटाने जाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगायी है। इस मामले में शिक्षा विभाग के वित्त सचिव को 28 अप्रैल के लिए कोर्ट में तलब किया गया है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ मंगलवार को तिलकराज की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट जगबीर मलिक ने पक्ष रखा जबकि डिप्टी एडवोकेट जनरल तनीषा पेशावरिया हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुईं। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने शिक्षा विभाग के प्रति काफी सख्ती दिखाई और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगायी।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 2010 में तिलकराज की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर अतिथि शिक्षकों के स्थान पर स्थायी भर्ती करने की मांग की गयी थी। इस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि 31 दिसंबर 2012 के बाद अतिथि शिक्षकों की सेवायें जारी न रखी जायें और प्रदेश में नियमित शिक्षकों की भर्ती की जाये।
इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने अतिथि अध्यापकों को नहीं हटाया जिसके चलते मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने 322 दिन के अंदर अतिथि शिक्षकों को हटाने के आदेश दिये। यह अवधि 4 फरवरी 2013 को पूरी हो गयी। फिर भी अतिथि शिक्षकों को नहीं हटाया गया। इसके खिलाफ अदालत की अवमानना की याचिका दायर की गयी। dt
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.