अंबाला : एक तरफ तो शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में अधिक से अधिक बच्चों के नामांकन पर जोर दिया जा रहा है वहीं स्कूलों में खाली पड़े पदों पर विभाग का कोई ध्यान नहीं है। आलम यह है कि जिलेभर में शिक्षकों के कुल 2578 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में स्कूलों में बेहतर पढ़ाई की उम्मीद करना भी बेकार है। प्रदेश में शिक्षा का नया सत्र एक अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों में अधिक से अधिक एडमिशन कराने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। लेकिन स्कूलों में अध्यापकों के ज्यादातर पद खाली हैं। वहीं, दूसरी ओर हाईकोर्ट ने भी 31 मार्च के बाद प्रदेश में लगे गेस्ट टीचरों को हटाने के निर्देश दे दिए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक अध्यापकों के खाली पदों को नहीं भरा है। ऐसे में बिना अध्यापकों के स्कूलों में पढ़ाई कैसे होगी, इस बात को लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं।
प्रदेश के राजकीय स्कूलों में उचित प्रबंधन और अध्यापकों की कमी वजह से लगातार शिक्षा स्तर में गिरावट आ रही है। जिले के 35 स्कूलों में तो बरसों से मुखिया के पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा, जिले के ज्यादातर स्कूलों में साइंस, इंगलिश, गणित, फिजिक्स व केमेस्ट्री जैसे विषयों के भी अध्यापक नहीं है। बिना अध्यापकों के चल रहे स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई खराब हो रही है। इससे लोगों का भी सरकारी स्कूलों से मोहभंग होता जा रहा है। जिले के प्राइमरी स्कूलों में तो अध्यापकों केा न्यूनतम एडमिशन की शर्त का पूरा करने में भी परेशानी हो रही है। लेकिन सरकार व शिक्षा विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। au
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