** कई अभिभावकों के लिए रुपये का इंतजाम करना मुश्किल
चंडीगढ़ : दूसरे गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के अभिभावकों को अब अपनी जेब ढीली कर साइकिलें खरीदनी होंगी। बाद में विभाग की ओर से बिलों का भुगतान किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए विद्यार्थियों को एक सप्ताह दिया है।
नौवीं और ग्यारहवीं के एससी विद्यार्थियों को दो किलोमीटर दूर स्थित स्कूलों में जाने के लिए सरकारी खर्चे पर साइकिल मुहैया कराई जाती हैं। इससे पहले सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से पात्र छात्रों की रिपोर्ट लेने के बाद विभाग की ओर से साइकिलें खरीदकर स्कूलों में भेजी जाती थीं। इस बार माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ को लिखित आदेश जारी किया है कि वह बीईओ और स्कूल मुखियाओं को विद्यार्थियों से खुद साइकिलें खरीदने को कहें। खरीद राशि का बिल देने के बाद पूरी राशि उनके खाते में जमा कर दी जाएगी। फरमान से गरीब विद्यार्थियों के सामने मुश्किल यह खड़ी हो गई है कि साइकिल खरीदने के लिए चार-पांच हजार रुपये का जुगाड़ कहां से करें।
10 जुलाई तक भरना होगा प्रोफार्मा :
साइकिलें खरीदने के बाद सभी डीईओ को 10 जुलाई तक प्रोफार्मा भरकर विभाग के एमआइएस पोर्टल और परीक्षा शाखा की मेल आइडी पर भेजना होगा। जिला, स्कूल, माता-पिता, विद्यार्थी का रजिस्ट्रेशन नंबर, पर्ची, बैंक खाता, आधार नंबर, साइकिल का निरीक्षण करने वाले हेडमास्टर और डीईओ की वेरीफिकेशन की पूरी जानकारी देनी होगी।
"एससी विद्यार्थियों को उनकी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए यह नियम बनाया गया है। स्कूल मुखियाओं के निरीक्षण के बाद उनका बिल मिलते ही तुरंत पूरी राशि उनके खाते में डाल दी जाएगी।"-- पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग।
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