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Sunday, 9 November 2014

शिक्षा बोर्ड के फरमान से बेचैनी

** स्थायी मान्यता रद होने पर संबद्धता देने से भी इंकार
** लगभग दो हजार स्कूल संचालकों को खुद उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश
चंडीगढ़ : प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी के फरमान ने निजी स्कूल संचालकों के होश उड़ा दिए हैं। बोर्ड के सचिव ने स्थायी मान्यता निरस्त होने वाले स्कूलों को संबद्धता देने से मना कर दिया है। बोर्ड ने सचिव की ओर से प्रदेश के लगभग दो हजार स्कूल संचालकों को नोटिस जारी कर अलग-अलग तारीख को खुद उपस्थित होकर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। नोटिस में बोर्ड ने साफ कर दिया है कि तय तारीख के भीतर जवाब न देने पर संबद्धता संबंधी आवेदन रद कर दिया जाएगा। 
निजी स्कूल संचालक बोर्ड के इस फैसले से इसलिए हैरान हैं, चूंकि पूर्व हुड्डा सरकार उन्हें एक वर्ष की अस्थायी मान्यता चुनाव से पहले ही दे चुकी है। इसके बाद ही स्कूलों ने बच्चों का दाखिला किया था। अब स्कूल शिक्षा बोर्ड के स्थायी मान्यता रद होने पर संबद्धता देने से इंकार करने पर निजी स्कूल संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्कूल संचालक ये नहीं समझ पा रहे कि आखिर करें तो क्या, चूंकि पूर्व सरकार उन्हें एक वर्ष की अस्थायी मान्यता दे चुकी है, इसलिए वे संबद्धता के भी पात्र हैं। बोर्ड ने निजी स्कूल संचालकों को भेजे कारण बताओ नोटिस में जिक्र किया है कि स्कूलों ने 2014-15 की संबद्धता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र शुल्क सहित बोर्ड में जमा कराया है। इसके साथ ही छात्रों का डाटा भी ऑनलाइन भेजा गया है। लेकिन शिक्षा विभाग से प्राप्त पत्र के अनुसार उपायुक्त मानदंड पूरे न होने पर आपके स्कूलों की बीते अगस्त महीने में स्थायी मान्यता रद कर चुके हैं, जिसे आधार मानते हुए बोर्ड संबद्धता प्रदान नहीं कर सकता। इसलिए स्कूल संचालकों को अपना पख रखने का मौका दस से बीस नवंबर के बीच अलग-अलग तारीख पर दिया जा रहा है। उधर, फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार अस्थायी मान्यता वाले अनुमति प्राप्त स्कूलों को स्थायी मान्यता प्रदान करे ताकि संबद्धता के लिए जवाब दाखिल करने का झंझट खत्म हो।                                                    dj

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