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Saturday, 1 November 2014

रिटर्न नहीं भरने वालों पर आयकर विभाग की निगाह


** सीबीडीटी ने मुख्य आयकर आयुक्तों से ऐसे मामलों की निगरानी करने को कहा 

नई दिल्ली : अगर आपने आयकर रिटर्न नहीं भरा है तो सावधान हो जाएं। आयकर विभाग जल्द ही आपसे आयकर रिटर्न भरने को कहेगा या फिर रिटर्न नहीं भरने की वजह पूछेगा। दरअसल, पांच लाख से अधिक करदाता ऐसे हैं जिन्होंने इस साल आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सभी मुख्य आयकर आयुक्तों से पत्र लिखकर ऐसे मामलों की निगरानी करने को कहा है। 
सीबीडीटी के मुताबिक 5,09,898 करदाताओं ने असेसमेंट इयर 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के दाखिल ई-रिटर्न में आय 10 लाख से अधिक बताई है, या एक लाख रुपए या इससे अधिक सेल्फ असेसमेंट टैक्स भरा है। लेकिन इन्होंने असेसमेंट इयर 2014-15 के लिए आयकर रिटर्न नहीं दाखिल किया है। मुख्य आयकर आयुक्तों को ऐसे मामलों की खुद निगरानी करनी चाहिए। 
"अधिक टैक्स रिफंड से राजकोषीय घाटे पर दबाव"
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में टैक्स रिफंड बढ़ने का असर राजकोषीय घाटे पर भी पड़ेगा। यह अप्रैल से सितंबर के दौरान ही पूरे साल के तय लक्ष्य के 82.6 फीसदी तक पहुंच गया है। इस साल करीब 1.20 लाख करोड़ रुपए के टैक्स रिफंड पेंडिंग हैं। सरकार के खर्च और आमदनी में अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 के अपने बजट अनुमान में राजकोषीय घाटे के लिए 5.31 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी के 4.1 फीसदी के बराबर लक्ष्य तय किया है। लेकिन पहले छह महीनों में ही यह 4.38 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जो लक्ष्य का 82.6 फीसदी है। 
इस कवायद की वजह
टीडीएस यानी स्रोत पर कर कटौती के जरिये कम टैक्‍स भेजे जाने और बड़ी राशि के रिफंड जारी होने से पिछली बार की तुलना में इस बार टैक्‍स कलेक्शन में कमी आई है। इसी के मद्देनजर सीबीडीटी कर संग्रह बढ़ाने के हर संभव उपाय पर जोर दे रहा है। इसी क्रम में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की थी। सरकार ने वर्ष 2014-15 के लिए 7,36,221 करोड़ रुपए के कर संग्रह का लक्ष्य रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 15 फीसदी अधिक है।                                                             db

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