** पुराने ढर्रे पर लौट रही शिक्षा प्रणाली, ईंट भट्ठों और डेरों पर भी खोले गए थे स्कूल
कुरुक्षेत्र : देश-प्रदेश में सरकार बदलने पर अब शिक्षा विभाग भी पुराने र्ढे पर लौटने लगा है। विभाग ने एक कक्षा को एक शिक्षक और एक कमरा देने का नियम बनाकर स्कूलों को मर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। इन नियमों के तहत प्रदेश में सैकड़ों प्राथमिक स्कूल मर्ज हो जाएंगे। जबकि पिछले दस वर्षो में कुकरमुत्तों की तरह गांवों में दो-दो स्कूल अब एक हो जाएंगे।
पिछले दस वर्षो में प्रदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा एक किलो मीटर के दायरे में स्कूल खोलने की योजना अब दम तोड़ चुकी है। योजना के तहत हर गांव में, ईंट भट्ठों और डेरों तक में स्कूल खोले गए थे। इन स्कूलों में प्रदेश शिक्षा विभाग न तो विद्यार्थियों को उचित शिक्षा दिला पाया था और न ही अन्य सुविधाएं। आधे से अधिक स्कूलों में बच्चों की संख्या 100 को आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। लगभग स्कूलों में एक या दो शिक्षकों से ही काम चलाया जा रहा था। अब विभाग ने पुराने र्ढे पर लौटते हुए स्कूलों को मर्ज करने की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। विभाग अगले एक माह में प्रदेशभर में ऐसे सैकड़ों स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज कर देगा।
पिछले पांच सालों में बने भवनों के बारे में नहीं है जवाब
वहीं विभाग की इस कार्रवाई के बाद सवाल पैदा होता है कि पिछले दस वर्षो में हर गांवों में दो-दो स्कूलों के भवनों पर पानी की तरह पैसा बहाया है। जिसपर प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपये लग गए और गांवों की पंचायतों के सैकड़ों एकड़ भूमि जाया हो गई। विभाग के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है।
लड़कियों के स्कूलों में होंगे मर्ज
वहीं पिछले दिनों विभाग ने स्कूलों को मर्ज किया था। जिसमें छात्र संख्या को केंद्र में रखा गया था, जिसके कारण ज्यादातर लड़कियों के स्कूल मर्ज हो गए थे, लेकिन इस बार इसका ख्याल रखा जाएगा। नियमों के अनुसार सबसे पहले लड़कों के स्कूलों को लड़कियों के स्कूल में मर्ज करने की कोशिश की जाएगी।
शिक्षक संघ को आपत्ति
वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को हर दिन आने वाले फरमानों पर आपत्ति है। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान का कहना है कि विभाग हर दिन फरमान देता है। अब उन भवनों का क्या होगा और इससे शिक्षकों के पर सरप्लस हो जाएंगे। विभाग शिक्षकों की संख्या पूरी न कर पाने के चलते यह कदम उठा रहा है।
दूर से आने वाले बच्चों को मिलेगा किराया भत्ता
विभाग ने आरटीई का ख्याल रखने का दावा भी किया है। आलाधिकारियों के अनुसार दूर से आने वाले विद्यार्थियों को किराया भत्ता मिलेगा। इसके लिए विभाग की ओर से ऐसे विद्यार्थियों के परिजनों के अकाउंट में सीधे किराया भत्ता भेजा जाएगा। अपने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने की जिम्मेवारी अभिभावकों की होगी, न की विभाग की।
बच्चों की सुविधा के लिए उठाया कदम
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी धीरज मलिक ने बताया कि अब तक कई स्कूलों में आरटीई के नियमों के अनुसार शिक्षक दिए गए थे। जिसमें 60 बच्चों पर दो शिक्षक देने थे। ऐसे में पांच कक्षाओं को मात्र दो या कई बार एक शिक्षक ही पढ़ा रहा था। बच्चों को सभी सुविधाएं देने के लिए यह कदम उठाया गया है। dj
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