चंडीगढ़ : प्रदेश की मनोहर लाल सरकार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु घटाने पर विचार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल की बैठक में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का फैसला लिया था। इस संबंध में अधिकारियों से फीडबैक लिया जा रहा है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और राज्य सरकार के बीच 16 अगस्त 2014 को हुई बैठक के बाद कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 साल से 60 साल करने पर सहमति बनी थी। इसके बाद 17 अगस्त को मंत्रिमंडल की बैठक में इसका फैसला लिया जा चुका। राज्य सरकार ने तब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से बढ़ाकर 62 साल कर दी थी। इसके अलावा नौकरी के लिए आवेदन करने की आयु बढ़ाकर 40 से 42 साल की गई। अनुसूचित जाति, जन जाति एवं पिछड़ा वर्ग श्रेणी के लोगों के लिए निर्धारित आयु 42 साल के बाद पांच साल की छूट होगी। यानि वह 47 साल की आयु तक नौकरी के लिए आवेदन करने के पात्र रहेंगे। इन फैसलों की अधिसूचनाएं भी जारी हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हुड्डा सरकार के फैसलों की समीक्षा का निर्णय लिया गया था। ऐसे करीब 115 फैसले थी, जिनकी समीक्षा की जानी थी, मगर राज्य सरकार इनमें सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने संबंधी फैसला वापस लेने की तैयारी में हैं। यानि राज्य सरकार सेवानिवृत्ति आयु 60 साल से घटाकर 58 साल तो करने जा रही है, लेकिन बादी फैसलों को छेड़ने के मूड में नहीं है। सरकार को लगता है कि ऐसा करने से कर्मचारियों का विरोध बढ़ सकता है, जबकि सेवानिवृत्ति आयु घटाने से कर्मचारी जल्दी रिटायर होंगे और नई भर्तियों के रास्ते खुलेंगे। लिहाजा इसका विरोध बहुत अधिक नहीं होगा। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार राज्य सरकार पंजाब के समान वेतनमान नहीं दे रही। कर्मचारियों के हित में पहले से लागू फैसलों को बदलने की तैयारी है। आखिरकार नई सरकार क्या संदेश देना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमने रिटायरमेंट आयु बढ़ाने की मांग नहीं की थी। सरकार ने खुद बढ़ाई थी। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.