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Wednesday, 11 February 2015

प्रदेश सरकार ने स्टाफ सलेक्शन कमीशन की भर्ती प्रक्रिया रोकी

** विभिन्न विभागों और बोर्ड-काॅर्पोरेशनों में 1.50 लाख से ज्यादा खाली हैं पोस्ट 
** तीन महीने में करीब 8000 कर्मचारी हो चुके हैं रिटायर 
** 3000 पदों पर रुकेंगी भर्तियां 
चंडीगढ़ : जॉब की तलाश में घूम रहे हरियाणा के बेरोजगार युवाओं को सरकार ने एक और झटका दिया है। स्टाफ सलेक्शन कमीशन के माध्यम से चल रही भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई है। उन सभी बोर्ड, कॉरपोरेशन और विभागों को अपने प्रस्ताव वापस लेने के निर्देश दिए गए हैं जिन्होंने विभिन्न श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए स्टाफ सलेक्शन बोर्ड को प्रपोजल भेज रखे थे। 
चीफ सेक्रेटरी डी.एस. ढेसी की ओर से इस संबंध में मंगलवार को ही सभी विभागों, डिवीजनल कमिश्नरों, बोर्ड, कार्पोरेशनों और विभागों को एक परिपत्र जारी किया गया है। इसमें हालांकि प्रपोजल विड्रॉ करवाने का कारण भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने और सरकारी नौकरियों में एंट्री लेवल की अधिकतम आयु सीमा के बारे में पुनर्विचार करना बताया है। इधर, एसएससी के सूत्रों के अनुसार 1080 भर्तियों के लिए आवेदन आए हुए हैं। इनके लिए तो परीक्षा ली गई है और ही इंटरव्यू हुए हैं। जबकि 200 पदों के इंटरव्यू हुए भी चार साल हो गए। लेकिन परिणाम घोषित नहीं हुआ है। 
एसएससी की अटक सकती हैं ये भर्तियां 
विभाग                        सीटें 
ड्राइवर(भारी वाहन)      1175
जूनियरकोच (खेल)      180
सबइंस्पेक्टर               188
ऑडिटर                       28
ड्राफ्ट्समैन                  76
विधिसहायक               21
औद्योगिकविस्तार      28
 अधिकारी
कंप्यूटर तकनीशियन  21
फील्डइंस्पेक्टर            46
पुराने आवेदकों को दोबारा नहीं करना पड़ेगा आवेदन
सरकारी प्रवक्ता का कहना है कि स्टाफ सलेक्शन कमीशन से विभिन्न पदों की भर्ती के प्रपोजल विड्राल करने की तकनीकी जरूरत है। इन पदों के लिए जब भी दुबारा वेकेंसी निकाली जाएंगी तो उन युवाओं को दुबारा आवेदन नहीं करना पड़ेगा जो पहले आवेदन कर चुके हैं। इसके साथ ही एंट्री लेवल पर अपर एज लिमिट घटाने की बात भी सही नहीं है। 
हुड्डा सरकार का एक और फैसला पलटने की तैयारी 
प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार के एक और फैसले को पलटने की तैयारी कर ली है। हुड्डा सरकार ने विधानसभा चुनाव के कुछ दिन पहले ही सरकारी नौकरियों में एंट्री लेवल पर अपर एज लिमिट 40 से बढ़ाकर 42 साल कर दी थी। चीफ सेक्रेटरी डी.एस. ढेसी की ओर से जारी परिपत्र में भर्ती प्रक्रिया रोकने की एक वजह एंट्री लेवल पर एज लिमिट बढ़ाया जाना भी बताया है। इससे पहले भी हुड्डा सरकार के कई फैसलों को पलटा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि खट्टर सरकार ने हाल ही अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लिए एंट्री लेवल की अपर एज लिमिट को 42 से बढ़ाकर 47 साल कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा सरकार ने सत्ता संभालते ही सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढ़ाकर 60 साल करने का हुड्डा सरकार की कैबिनेट का फैसले को लागू नहीं किया था। इससे नवंबर में ही करीब 5000 कर्मचारियों को 58 साल में ही रिटायर कर दिया गया। जबकि ये कर्मचारी रिटायरमेंट एज 60 साल लागू होने की संभावना को देखते हुए 2-3 महीने की नौकरी भी कर चुके थे। इसके बाद दो महीने में करीब 3000 कर्मचारी रुटीन में ही रिटायर हो चुके हैं और 1500 कर्मचारी इस महीने रिटायर हो जाएंगे।                                          db

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