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Thursday, 13 February 2014

स्कूल शिक्षक ‘महंगे’, कालेजों के प्रोफेसर ‘सस्ते’

हिसार : स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों (पीजीटी) और कालेज में पढ़ाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर (लेक्चरर) की तनख्वाह की बात करें तो लेक्चरर की तनख्वाह ही ज्यादा होनी चाहिए लेकिन प्रदेश सरकार की सोच इसके विपरीत है। स्कूल के अतिथि शिक्षकों व कॉलेज के अतिथि प्राध्यापकों की बात करें तो यहां पर स्कूल शिक्षकों को कॉलेज प्राध्यापकों से एक हजार रुपये कम ही तनख्वाह मिलती है। हालांकि डेढ़ माह पहले ऐसा परिदृश्य नहीं था। 24 दिसंबर, 2013 को शिक्षा विभाग के निदेशक ने एक पत्र जारी कर स्कूल के अतिथि प्राध्यापकों की तनख्वाह बढ़ाकर 23 हजार, 500 रुपये कर दी। इससे पूर्व इनकी तनख्वाह 19 हजार, 440 रुपये थी। यह तनख्वाह नियमित शिक्षकों की तनख्वाह 28 हजार के पे-स्केल की 80 प्रतिशत है। दूसरी तरफ कॉलेज में पढ़ाने वाले अतिथि प्राध्यापकों की तनख्वाह इस समय 22 हजार, 500 रुपये है और इस तनख्वाह को बढ़ाने की न तो कोई घोषणा की गई है और न ही ऐसी बात चल रही है। यदि नियमित स्कूल प्राध्यापकों की तनख्वाह और इनके अनुभव की बात करें तो यह तनख्वाह आधी भी नहीं बैठती। कालेज में प्राध्यापकों का पे-स्केल 42 हजार रुपये हैं।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अतिथि प्राध्यापक के तौर पर टीचिंग एसोसिएट के पद पर काम करने वाले प्राध्यापकों को 40 हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह दी जा रही है। इनकी तनख्वाह पहले 25 हजार रुपये थी।                                                                dt

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