सिरसा : राजकीय स्कूलों में दाखिला लेने से कितने विद्यार्थी वंचित रहे। स्कूल इंचार्जो को 5 अप्रैल तक दाखिला रिपोर्ट बनाकर खंड शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवानी होगी। विभाग को रिपोर्ट नहीं देने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई विद्यार्थी दाखिला लेने से छूट गया है। इस पर स्कूल इंचार्ज विद्यार्थी के घर घर जाकर व्यक्तिगत रूप से माता पिता से मिलकर दाखिला करेंगे। शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
शिक्षा विभाग ने 5 अप्रैल से राजकीय स्कूल में दस दिन का फसली अवकाश घोषित किया हुआ है। इससे पहले सभी राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों का शतप्रतिशत दाखिला करवाना होगा। प्रदेश भर में 23 मार्च से प्रवेश उत्सव के तहत पहली, दूसरी कक्षा, सातवीं, आठवीं, नौवीं कक्षा में दाखिला प्रक्रिया शुरू की गई थी। वहीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को 11 वीं कक्षा में अस्थाई दाखिला दिया जा रहा है। बता दें कि प्रदेश में 6 से 14 वर्ष के बच्चों का 100 प्रतिशत नामांकन ठहराव एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का अनिवार्य अंग है। विभाग ने विद्यार्थियों को स्कूल से जोडऩे के लिए विशेष अभियान चलाया है। जिससे स्कूल में शतप्रतिशत दाखिला हो सके। खास तौर पर कक्षा पांच पास करने के बाद छठी व आठवीं कक्षा में शतप्रतिशत बच्चे दाखिला नहीं लेते हैं। विभाग ने आंकलन किया कि आठवीं की परीक्षा पास की उनमें से नौवीं कक्षा में विद्यार्थियों का दाखिला बहुत कम हुआ।
कभी भी ले सकते हैं दाखिला
शिक्षा विभाग के आरटीई नियम अनुसार शैक्षणिक वर्ष के दौरान किसी भी समय विद्यार्थी को दाखिला लेने से रोका नहीं जा सकता है। परन्तु इससे न्यूनतम शैक्षणिक घंटे प्रभावित होते हैं।
समय पर दें रिपोर्ट
खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि कहा कि स्कूलों में दाखिले की रिपोर्ट स्कूल इंचार्जाें को देनी होगी। अगर कोई इंचार्ज रिपोर्ट नहीं देगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। db
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