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Monday, 7 April 2014

फीस बढ़ाने पर प्राइवेट स्कूलों से शिक्षा विभाग ने किया जवाब तलब

हिसार : स्कूलों में दाखिले जारी हैं। कई प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग से बिना अनुमति लिए नियमों को दरकिनार कर मनमर्जी की फीस अभिभावकों से वसूल रहे हैं। ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र के दौरान 10 प्रतिशत या इससे अधिक फीस में बढ़ोत्तरी करने वाले निजी स्कूलों से शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट तलब की है। यह रिपोर्ट उन्हें 31 मई से पहले शिक्षा विभाग को सौंपनी है। इसी के आधार पर विभाग यह तय करेगा कि स्कूल ने फीस नियमानुसार बढ़ाई है या सुविधाएं मुहैया न करवाकर केवल फीस बढ़ाने का कार्य ही किया है। रिपोर्ट में पाया गया कि किसी ने सुविधाएं बढ़ाने के बजाए केवल फीस ही बढ़ाई है तो उस स्कूल पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा। 
जिले के कई निजी स्कूलों ने नए शैक्षणिक सत्र से फीस में बढ़ोतरी की है। इसकी रिपोर्ट नियमानुसार निजी स्कूलों को फार्म नंबर 6 में भरकर देना होगा। इसमें उन्हें स्कूल संबंधी पूरी जानकारी शिक्षा विभाग को मुहैया करवानी होगी। उसमें विद्यार्थी शिक्षक संख्या, इंफ्रास्ट्रक्चर, रूम, आगामी योजना और शैक्षणिक सुविधाओं सहित कई बिंदुओं पर जानकारी शामिल होगी। 
महंगाई दर बढ़ी तो फीस भी बढ़ेंगी 
हरियाणा रिकोग्नाइज्ड स्कूल एसोसिएशन के उपप्रधान आरएस सिंधू ने कहा कि महंगाई दर लगातार बढ़ रही है। ऐसे में स्कूलों में बिजली खर्च, बैंच खर्च, शिक्षकों को वेतन वृद्धि आदि कई खर्च हर साल बढ़ते है ऐसे में फीस तो बढ़ेगी ही। 
अभिभावक मंच के जिला प्रधान आरसी जग्गा ने कहा कि निजी स्कूल तो पहले ही अभिभावकों से बहुत ज्यादा फीस वसूल कर रहे है। ऐसे में यदि हर साल फीस बढ़ाते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब आमआदमी के लिए निजी स्कूल में अपने बच्चे पढ़ाना एक सपना ही होगा। निजी स्कूलों के खिलाफ उन्होंने करीबन डेढ़ माह पूर्व कमिश्नर से मांग की थी कि निजी स्कूल फीस न बढ़ाए। चुनाव के बाद दोबारा प्रशासन से मांग करेंगे कि जो भी नाजायज अधिक फीस वसूल कर रहे है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। 
रिपोर्ट गलत दी तो रद्द हो सकती है मान्यता 
जिला शिक्षा अधिकारी मधु मित्तल ने कहा कि सभी निजी स्कूलों को फार्म 6 भरकर देने के आदेश जारी किए हैं। यदि कोई स्कूल समय पर फार्म नहीं भरेगा तो उसकी रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपी जाएगी। मैं कमेटी की चेयरमैन हूं। मेरी अध्यक्षता में ही लापरवाही बरतने वाले स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही बरतने पर स्कूल की मान्यता तक रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है। यदि कोई निजी स्कूल नाजायज राशि किसी अभिभावक से लेता है तो उसकी शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय को करें।                                           db

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