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Wednesday, 16 April 2014

मैडम के तेवर देख टीचर बन गए बच्चे

** सीआरपी वर्कशॉप में 4 घंटे लेट पहुंचीं वित्तायुक्त तो हंगामा करने वालों ने साधी चुप्पी
हिसार : शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी व स्कूल मुखिया बैठे बैठे आपस में बात कर रहें हैं। एक शिक्षक बगल वाले शिक्षक से कहते हैं। हद है। साढ़े 12 बजे आना था मैडम को। चार बज रहे हैं। उनका गुस्सा मंच पर उन्हें शिक्षा संबंधी ज्ञान दे रहे सज्जन पर उतर रहा था। कई शिक्षक उसपर चिल्लाए । लेकिन तभी सभागार में मैडम की एंट्री हुई और एकदम से सन्नाटा छा गया। मैडम यानी वित्तायुक्त सुरीना राजन। दरअसल, स्कूलों के मुखिया शिक्षा विभाग की तरफ से आयोजित कक्षा तत्परता कार्यक्रम (सीआरपी) के तहत कार्यशाला में प्रशिक्षण लेने पहुंचे थे। वित्तायुक्त सुरीना राजन के साथ उपायुक्त एमएल कौशिक व सहायक निदेशक सुमेधा कटारिया भी थी। 
वित्तायुक्त सीधे मंच पर पहुंचीं। और फिर टीचर की भूमिका में आ गईं और टीचर बच्चों की। बोली, अब सुनो, कई टीचर टेक्स्ट बुक के फ्रेम में बच्चे की योग्यता देखते हैं। सीआरपी के माध्यम से हमारा प्रयास रहेगा कि बच्चे में छुपी हर प्रतिभा को सामने लाना और उसके कौशल को बढावा देना। सीआरपी के माध्यम से स्कूल में बच्चे को पारिवारिक वातावरण दिया जाएगा। 
अवकाश में बदलाव अगले सत्र से 
कई स्कूल मुखियाओं ने वित्तायुक्त से फसली अवकाश की छुट्टियों में बदलाव की मांग कि तो वित्तायुक्त बोली की इस बार तो कैलेंडर तैयार हो चुका था अगली बार कैलेंडर में बदलाव किया जाएगा । 
आठवीं कक्षा की परीक्षाएं हो सकती हैं बोर्ड से 
वित्तायुक्त ने पहले स्कूल मुखियाओं से पूछा कि एलएलओ और आठवीं के बोर्ड के बारे में आपकी क्या राय है। इस पर उन्होंने आठवीं को बोर्ड करने की बात कही।उनके जवाब में वित्तायुक्त बोली की इस बात पर मुख्यमंत्री से बातचीत कर विचार किया जाएगा । फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है। 
शहर के स्कूलों में आएंगे गांव में पढ़ाने वाले 
वित्तायुक्त बोली कि गांव में जिन शिक्षकों को पांच साल का शिक्षण अनुभव हो गया है।अब रेशनेलाइजेशन के तहत उन्हें शहर के उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षकों की कमी है।9वीं और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए मास्टर व शिक्षकों के बीच चल रहे मतभेद के बारे में उन्होंने कहा कि सब पढ़ाएंगे । 16 मई के बाद इस समस्या का स्थायी रूप से समाधान किया जाएगा। 
मास्टर वर्ग ने अपनी मांगें रखीं
वित्तायुक्त के सामने हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्य प्रधान रमेश मलिक की अध्यक्षता में मास्टर्स ने अपनी मांगे उनके सामने रखी ।वित्तायुक्त ने मांगों पर विचार कर जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने उनकी कुछ मांगो को मंजूरी भी दे दी। 
अच्छे स्कूल होंगे सम्मानित 
वित्तायुक्त बोली की स्कूल सुंदरी करण के तहत स्कूलों को सम्मान दिया जाता है।अब जिन स्कूलों में लर्निंग वातावरण बेहतर होगा उन स्कूलों को भी पुरस्कार देने की योजना बनाई जा रही है। इससे उनका उत्साह वर्धन होगा। प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा और उनकी स्वीकृति मिलते ही योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा । 
स्कूलों में नहीं ला सकेंगे गाइड
वित्तायुक्त बोली की प्रदेश के किसी भी राजकीय विद्यालय में कोई भी स्कूल मुखिया या शिक्षक कक्षा में गाइड का प्रयोग नहीं कर सकता है और न ही वह अपने पास रख सकता है।यदि किसी को पढऩी है तो वह अपने घर पर पढ़े ।कक्षाओं में हर शिक्षक को किताबों से ही पढ़ाना होगा । यदि कोई गाइड से बढ़ाता पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी 
क्लास रेडीनेस प्रोग्राम 
संक्षेप में इसे सीआरपी और हिंदी में कक्षा तत्परता कार्यक्रम कहते हैं। इस दौरान बच्चों को अलग-अलग स्थानों की सैर , विभिन्न प्रतियोगिताएं कराना, योग और अन्य रचनात्मक गतिविधियां कराई जाती हैं। शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष यह कार्यक्रम शुरू किया था। तब स्कूलों में पुस्तकें नहीं थी तो यह कहा जा रहा था कि विभाग ने अपनी कमी को छुपाने के लिए इसे शुरू किया है।                                                       db


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